इलाहाबाद न्यूज़: ग्राम सभा के चुनाव के समय अपना वोट देकर वोटरों ने सरकार तो बना दी, लेकिन विकास कार्य नहीं हो सका. समिति का गठन करने में प्रधान ने लापरवाही की. इससे ग्राम सभा के वित्तीय व प्रशासनिक कार्य पर पूरी तरह से रोक लग गई. सदस्यों ने प्रधान की मनमानी पर मामले को कोर्ट पहुंचा दिया.
सांगीपुर ब्लॉक के नरवल वोटरों ने जिस उम्मीद से मुखिया को चुना उस पर पूरी तरह से पानी फिर गया. प्रधान चुने जाने के बाद समिति का गठन होना था. मई 2022 में डीएम के आदेश पर समिति के गठन की तिथि निर्धारित थी. समिति गठन को लेकर बुलाई गई बैठक में कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ. इससे समिति का गठन नहीं हुआ. इसके साथ ही प्रधान पर मनमानी तरीके से समिति का गठन कर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगा. सदस्यों के आरोप पर सितंबर 2022 में जिले से आई टीम ने जांच की तो मामला सही पाया गया. इस पर ग्राम सभा के वित्तीय व प्रशासनिक कार्य पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई. इस तरह करीब एक साल से ग्राम में विकास कार्य पूरी तरह से ठप है. गांव के मजदूर जॉबकार्ड होने के बाद भी काम पाने की राह देख रहे हैं. गांव के लोग मुखिया चुनने के बाद भी विकास को तरस रहे हैं. प्रधान की मनमानी के खिलाफ सदस्यों ने कोर्ट में अपील कर दी है. जिससे ब्लॉक के अधिकारी अब कोई विकल्प भी नही निकाल सकते है. सभी को कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा है लेकिन आदेश कब आएगा, इसका कोई पता नहीं है. इस बारे में सांगीपुर के एडीओ पंचायत भूपेंद्र तिवारी का कहना है कि ग्राम सभा में समिति के गठन में लापरवाही की गई. इससे अब वित्तीय व प्रशासनिक कार्य पर पूरी तरह से रोक लगी है. कोर्ट से आदेश आने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर कार्य किया जाएगा.