लखनऊ में जिस बेटी की डोली उठाने की थी तैयारी, अब उसकी अर्थी उठाएगा यह पिता
उत्तरप्रदेश: शनिवार को लखनऊ से रामेश्वरम जा रही भारत पर्यटक ट्रेन में तड़के आग लग जाने की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं दूसरी तरफ इस हादसे के बाद सामने आ रही दर्दनाक कहानियां झकझोर दे रही हैं. इस हादसे में लखनऊ के रहने वाले मनोज अग्रवाल की बेटी हिमानी और उनकी मां मनोरमा भी शामिल थे. इस घटना पर लखनऊ के मनोज अग्रवाल से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि अंतिम बार उनकी बात शुक्रवार शाम 7:30 बजे बेटी और मां से हुई थी.
तब दोनों ने बताया था कि शनिवार को खूब घूमने वाले हैं और दर्शन करने वाले हैं. दोनों बहुत खुश थे, लेकिन सुबह 7:30 बजे जब उन्होंने अपनी मां मनोरमा को कॉल किया तो फोन नहीं उठा. इसके बाद उनका नंबर बंद आ रहा था. परेशान होकर मनोज ने जब अपनी बेटी हिमानी को कॉल किया तो किसी पुलिस वाले ने उठाया. उसने बताया कि यह फोन थाने में जमा है. जब उन्होंने पूछा कि यह फोन थाने में कैसे पहुंचा तब पुलिस वालों ने बताया कि कोई जमा कर गया है.
ज्यादा जानकारी देने से उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने आईआरसीटीसी और रेलवे की हेल्पलाइन नंबर पर कई बार कॉल किया, लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया. कई नंबर उठे नहीं. इसके बाद करीब दोपहर 12:00 बजे न्यूज़ चैनल पर उन्हें सूचना मिली कि इस तरह ट्रेन हादसा हो गया है. दो बजे जब लिस्ट उन्होंने देखी तो उसमें उनकी मां और बेटी का भी नाम था. यह देखकर वह बेहोश हो गए.
बेटी की शादी की तैयारी कर रहे थे
मनोज ने बताया कि उनकी बेटी 22 साल की थी और वह उसकी शादी की तैयारी कर रहे थे. मां मनोरमा 80 साल की थीं. सभी बहुत खुश थे. किसी को नहीं पता था कि यह हादसा हो जाएगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आईआरसीटीसी और भारतीय रेलवे ने आखिर जांच क्यों नहीं की. कैसे सिलेंडर अंदर चला गया. कैसे इतनी बड़ी लापरवाही यात्रियों की जिंदगी के साथ हो सकती है.
शव लखनऊ भेजा जाएगा
बताया कि वहां के प्रशासन की ओर से बताया गया है कि उनकी मां और बेटी का शव लखनऊ भेजा जाएगा. कहा कि सरकार की ओर से मुआवजा देने की घोषणा की गई है, लेकिन अब मुआवजा लेकर क्या करेंगे जब मां और बेटी ही नहीं रहे.