लवकणो : विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने सात साल की अबोध दलित बालिका से दुष्कर्म के प्रयास में दोषी अभियुक्त को 10 साल कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
पॉक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार सिंह व सुनील कुमार मिश्र ने बताया कि कोतवाली नगर क्षेत्र के निवासी एक दलित व्यक्ति ने कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि 17 जनवरी 2021 को उसकी सात साल की बेटी को मोमबत्ती के बहाने बुलाकर विश्राम बारी उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। लोगों के आने पर वह भाग गया।
केस दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की और नाबालिग बालिका से दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट व एससी-एसटी एक्ट के अपराध का पुख्ता साक्ष्य मिलने पर आरोपी विश्राम बारी के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया।
ट्रायल के दौरान संदेह से परे साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने अभियुक्त विश्राम बारी को दोषसिद्ध किया। मंगलवार को इस मामले में निर्णय सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) मोहम्मद नियाज अहमद अंसारी ने अभियुक्त विश्राम बारी को दुष्कर्म के प्रयास के अपराध में 10 साल कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया।
अदालत के आदेशानुसार अधिरोपित जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता अथवा उसके विधिक प्रतिनिधियों को दी जाएगी