जौनपुर जिले के गली कूचों में खुली चाय-पान की दुकान पर फल-फूल रहा नशे का व्यापार। बताया जा रहा हैं कि नशे के आदि युवा पीढ़ी सिगरेट में ना जाने क्या क्या भरकर पीकर हो रहें है नशे के आदि। संदिग्ध चाय-पान की दुकान पर होनी चाहिए छापेमारी। युवा पीढ़ी का उज्जवल भविष्य नशे की लत से बर्बाद होता दिखाई दे रहा हैं। जिसके तरफ नहीं जा रहा हैं किसी का ध्यान। बताते चलें कि जिले के नगर क्षेत्र के ऐसे कईयों चाय-पान की दुकान गली कूचों में दिखाई देगी जहाँ युवा पीढ़ी को नशा करते देखा जा सकता है। जिनके जीवन की बर्बादी का कारण कहीं न कहीं वह चाय-पान वाले दुकानदार भी शामिल हैं।
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा हैं कि जौनपुर नगर के अधिकांश क्षेत्र में नशे के लती युवा पीढ़ी चाय-पान की दुकान पर बैठकर सिगरेट में कुछ ऐसा प्रदार्थ मिला कर उसका सेवन कर रहे हैं जिससे वह पूरी तरह से मदहोशी में छाये रहते हैं जिन्हें यह नहीं पता कि उनका जीवन किस अंधकार की तरफ जा रहा हैं। जिनकी बर्बादी का जिम्मेदार कहीं न कहीं वह दुकानदार भी है। ऐसे संदिग्ध चाय-पान की दुकान पर छापेमारी की है आवश्यकता। यदि समय रहते नशे के लती युवाओं और उक्त दुकानदारों पर नकेल नहीं लगाई गई तो वह दिन दूर नहीं जब देश के उज्जवल भविष्य युवाओं का जीवन नशे की लत से बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगा।
युवा पीढ़ी लगातार नशे के चंगुल में फंसती जा रही है। ऐसे में जौनपुर शहर भी इससे अछूता नहीं है। यहां धड़ल्ले से चाय-पान दुकानों पर नशे का सामान विक्रय किया जा रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन को ऐसे दुकानदारों पर लगाम लगाने के लिए नारकोटिस्क समिति के गठन की आवश्यकता है जिससे नशे पर रोकथाम लगाया जा सके और इससे दूर रहने के लिए समय समय पर जागरूकता कार्यक्रम करना चाहिए।
जिला प्रशासन को समय रहते ऐसे युवाओं और दुकानदारों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ एक मुहिम चलानी चाहिए जिससे कल के होनहार युवाओं का भविष्य अंधकार की तरफ जाने से बचाया जा सके और उन युवाओं को सही मार्ग दर्शन मिल सके। जिसके लिए उन युवाओं के परिवार वाले जिला प्रशासन के एहसान मंद रहेंगे। ऐसे गंभीर मामले पर जिला प्रशासन को गंभीरता से विचार विमर्श करने की आवश्यकता है।