झांसे में आया अधिवक्ता और गवां बैठा लाखों रुपये

Update: 2022-12-09 11:42 GMT

मेरठ: बैंक खातों से फ्रॉड कर मोटी रकम ऐंठने वाले एक गैंग ने मेरठ के एक अधिवक्ता को अपना शिकार बना लिया। कनाडा से मोबाइल कॉल करने वाले जानकार शख्स ने बैंक में चौदह लाख रुपये जमा करने की रसीद भेजकर धोखे से अधिवक्ता से तीन लाख सत्तर हजार रुपये ठग लिए। हकीकत का पता चला तो अधिवक्ता ने अपना सिर पीट लिया। अधिवक्ता की शिकायत के बाद सिविल लाइन थाने में 11 के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया। सिविल लाइन थाना क्षेत्र मोहनपुरी निवासी वीरेन्द्र कुमार कचहरी में अधिवक्ता हैं। वीरेन्द्र कुमार ने एसएसपी के यहां एक शिकायत की। एसएसपी के आदेश के बाद थाना सिविल लाइन में एडवोकेट वीरेन्द्र कुमार की तहरीर पर धोखाधड़ी का एक मुकदमा 11 लोगों के विरुद्ध दर्ज किया गया है।

वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि उसके मोबाइल फोन पर कनाडा से रामराज निवासी महेन्द्र सिंह चीमा परिचित बताते हुए फोन आया उसने कहा कि वह उसके खाते 15 लाख रुपये ट्रांसफर करेगा। जब वह इंडिया आयेगा, तो घर आकर वह पैसा ले लेगा। इस पर महेन्द्र सिंह चीमा ने वीरेन्द्र से बैंक खाता नंबर मांगा। उसने कहा कि वह दस दिन में इंडिया आ रहा है। अधिवक्ता ने चीमा पर विश्वास करके अपना महाराष्टÑ बैंक का खाता नंबर दे दिया। चीमा ने अधिवक्ता वीरेन्द्र को रोम फाइनेंशियल बैंक में पैसा जमा करने की रसीद मोबाइल पर भेज दी। उसने कहा कि आपके खाते में पैसा भेज दिया है। इसके बाद उसने फिर फोन किया और कहा कि दिल्ली में हरजीत सिंह वीजा एजेट हैं उसकी माता बीमार है। तुम उसे एक लाख पंैंतीस हजार रुपये भेज दो। इसके बाद हरजीत का फोन वीरेन्द्र अधिवक्ता पर आता है। उसने वीरेन्द्र को भारतीय स्टेट बैंक का झूना कुमार का खाता संख्या 41235008474 दिया और कहा कि इसमें एक लाख पैंतीस हजार रुपया ट्रांसफर कर दो।

वीरेन्द्र ने महराष्टÑ बैंक की शाखा से उक्त खाते में एक लाख पैंतीस हजार रुपये भेज दिये। चीमा का फोन फिर आया और कहा कि दो लाख पैंतीस हजार रुपया हरजीत को ओर भेज दो। उसके बाद हरजीत का फोन आया और उसने मीनल नाम के एसबीआई का खाता देकर दो लाख पैंतीस हजार रुपया भेजने की बात कही। इस पर वीरेन्द्र ने 29 नवम्बर को दो लाख पैंतीस हजार रुपये ट्रांसफर कर दिये। फिर विजय नाम के व्यक्ति का फोन आया और कहा कि कनाडा से दिल्ली में पैसा आ गया है। यह पैसा आपके खाते में पहंच जायेगा, लेकिन दिल्ली से आये फोन नंबर पर जब संपर्क करना चाहा तो वह फर्जी निकला। तीन लाख सत्तर हजार रुपया धोखे से हड़पने के बाद अधिवक्ता वीरेन्द्र ने एसएसपी से मिलकर पूरा वाक्या बयान किया। एसएसपी के आदेश के बाद सिविल लाइन थाने में महेन्द्र सिंह चीमा निवासी दिल्ली सहित 11 के खिलाफ 406, 420, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

सट्टे के धंधे में पुलिस की संलिप्तता उजागर: सदर क्षेत्र में सट्टे के अवैध धंधे में पुलिस की संलिप्तता उजागर हुई तो पुलिस सट्टा संचालकों के खिलाफ एक्शन मोड में दिखाई दी। अपनी खामियों को छिपाने के लिए कई थानेदारों ने अपने क्षेत्र में अलग-अलग तरीके से सट्टा संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई कर दी। कई को गांजा सट्टा जुआ अधिनियम के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया। गत दिनों सदर क्षेत्र के भूसा मंडी में सट्टे का अवैध कारोबार संचालित करने के लिए भूसा मंडी चौकी इंचार्ज कपिल शर्मा व दारोगा भंवर सिंह सहित एक सिपाही विनय को सस्पेन्ड कर दिया गया था। उसके बाद से एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जिले के थानेदारों के सट्टा चलवाने पर पेंच कसे तो थानेदारों में हड़कंप मच गया। एसएसपी के सख्त रवैये के बाद ज्यादतर थानेदारों ने अपने क्षेत्र के बड़े सट्टा माफियाओं पर कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया।

जैसा कि लिसाड़ी गेट क्षेत्र में नम्मो नाम के एक सट्टा संचालक को लिसाड़ी गेट पुलिस ने कार्रवाई कर जेल भेज दिया। वहीं लालकुर्ती पुलिस ने भी दो लोगों को सटटा संचालित करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा। वहीं ब्रहमपुरी पुलिस ने भी एक व्यक्ति को सट्टे के आरोप में कार्रवाई कर गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा नौचंदी थाना पुलिस ने भी एक युवक को सट्टा करने के आरोप में पकड़ा और कार्रवाई की।

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