मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच के लिये टीम बनी

Update: 2023-07-29 11:35 GMT

झाँसी न्यूज़: साल 2016 में फर्जी आख्या पर नगर निगम से जारी मृत्यु प्रमाण प्रकरण में सफाई हवलदार को जेल भेजने के बाद मामला गर्माने लगा है. अखिल भारतीय स्वच्छकार एसोसियेशन ने पूरे प्रकरण में एसएसपी को शिकायती पत्र देते हुये सफाई हवलदार को निर्दोष बताते हुये जांच कर कार्रवाई की मांग की है. इधर अपर नगर आयुक्त ने फर्जी रिपोर्ट पर जारी हुए मृत्यु प्रमाण के लिये अफसरों की जांच कमेटी का गठन कर रिपोर्ट तलब की है.

बाहर सैंयर गेट निवासी मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र 8 सितम्बर 2016 को जारी हुआ था. सात साल बाद मामला उठा तो थाने में शिकायत के बाद पुलिस ने सफाई हवलदार राजेश को जेल भेज दिया. सफाई हवलदार के जेल जाने से अखिल भारतीय स्वच्छकार एसोसियेशन में आक्रोश फैल गया और सभी एसएसपी से मिले, जहां सफाई हवलदार को निर्दोष बताते हुये पूरे प्रकरण की जांच कर कार्रवाई की मांग उठायी. अध्यक्ष डी के पथरौल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पूरे प्रकरण की बिना जांच किए सफाई हवलदार को जेल भेज दिया. जबकि सफाई हवलदार ने 9 सितम्बर 2016 में दो गवाहो व अभिलेखों के आधार पर रिपोर्ट लगाई थी. लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र बिना सफाई हवलदार के रिपोर्ट लगाए एक दिन पहले 8 सितम्बर 2016 को जारी कर दिया गया. इस सम्बंध में एसोसियेशन ने पूरे साक्ष्य सहित नगर आयुक्त से भी शिकायत की. अपर नगर आयुक्त ने जांच के लिये अफसरों की टीम का गठन कर रिपोर्ट तलब की है. उधर तत्कालीन जन्म-मृत्यु विभाग के लिपिक परवेज ने नगर आयुक्त को ज्ञापन देते हुये बताया कि शासन के आदेश पर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र लोकवाणी/ई-डिस्ट्रिक के माध्यम से प्राप्त होते थे.

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