प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों को भी स्मयानुकल परिमार्जन की आवश्यकता : प्रो डीके सिंह

Update: 2023-03-26 10:00 GMT

गोरखपुर: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम में रविवार को आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूए.सी) और अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में द्वारा शिक्षक प्रशिक्षण एवं शोध कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो डीके सिंह ने शिक्षक प्रशिक्षण और शोध की बारीकियों पर गहनता से प्रकाश डाला।

प्रो सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण और समयानुकूल शिक्षण के लिए शिक्षकों को भी स्वयं को प्रशिक्षण के माध्यम से परिमार्जित करने की आवश्यकता होती है। आज वही शिक्षण संस्थान खुद को श्रेष्ठ साबित कर सकता है जो अपने शिक्षकों के लिए नियमित अंतराल पर विषय वस्तु के अनुरूप प्रशिक्षण की व्यवस्था करे। उन्होंने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के सभी संकायों/विभागों जैसे आयुर्वेद, नर्सिंग, संबंद्ध स्वास्थ विज्ञान और कृषि विज्ञान के शिक्षकों द्वारा विभिन्न विषयों पर शोध हेतु प्रोजेक्ट प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया और उनकी समीक्षा करते हुए अपने सुझाव दिए।

प्रशिक्षण एवं शोध कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल कुमार वाजपेयी ने कहा कि किसी भी देश मे होने वाले शोध मे शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। शिक्षक देश के विकास और नीति निर्धारण मे सहायक होते हैं। शिक्षक प्रशिक्षण स्वयं को व्यक्त करने की कला मे शिक्षको की मदद करता है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ मंजूनाथ एनएस, नर्सिंग की प्राचार्या डॉ डीएस अजीथा, सम्बद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठता डॉ सुनील कुमार समेत सभी विभागों के शिक्षक उपस्थित रहे।

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