उत्तरप्रदेश | सल्लाहपुर के एमआर शेरवानी इंटर कॉलेज में तैनात शौकल अली ने 1999 में यहां सेवा छोड़ी. उनका चयन नैनीताल में हो गया था. जिले में नौकरी के दौरान उनका पीएफ काटा गया, लेकिन आज भी राशि खाते में नहीं है.
24 सालों से पीएफ के लिए लगातार पत्राचार चल रहा है, लेकिन विभाग कुछ नहीं कह रहे हैं. सूचना के अधिकार के तहत शिक्षा विभाग के अफसरों से भी मांग रखी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. संगम सभागार में पहली बार राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने जनसुनवाई की तो उनके मामले का भी निस्तारण हुआ.
राज्य सूचना आयुक्त की लोक अदालत पहली बार प्रयागराज में हुई. अब तक जो मामले आते थे उनकी सुनवाई लखनऊ में होती थी. कुल 50 मामले आए जिसमें 15 का मौके पर निस्तारण किया गया, जबकि 14 मामले विचार करने के लिए स्वीकार किए गए. 21 मामलों में लोगों को अगली तारीख दी गई है. यहां आए 50 मामलों में सभी ऐसे हैं, जिसमें लोगों को जन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना प्रथम अपील के बाद भी नहीं मिली. इसके बाद पीड़ितों ने यहां वाद दायर किया, जिसकी सुनवाई यहां हुई. जन सुनवाई के दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व जगदंबा सिंह भी मौजूद रहे.
30 दिन के भीतर जवाब देने की डालें आदत
आयुक्त ने अफसरों को निर्देश दिया कि वे 30 दिन के भीतर जवाब देने की आदत डालें. समय से सूचना न देने के कारण ही लोग बार-बार अपील करते हैं. एक मामले में सीआरओ ने उनसे कहा कि सूचना मामले वाला व्यक्ति बार-बार परेशान करता है, इस पर उन्होंने अधिकारी को यही समझाया कि हम और आप एक्ट की बात कर सकते हैं. आप 30 दिन में सूचना का जवाब दें तो यह परेशानी क्यों हो.