फर्मों के बैंक खातों, मंडी शुल्क के मिलान से पकड़ी जाएगी कर चोरी

Update: 2023-04-17 07:06 GMT

झाँसी न्यूज़: दक्षिण भारत सहित देश के विभिन्न राज्यों को भेजी जाने वाली रैक पर रोक के बाद प्रशासन ने प्रमाणिकता के साथ मंडी शुल्क की चोरी पकड़ने का प्रयास तेज कर दिया है. आने वाले कुछ ही दिनों में नवीन गल्ला मंडी की नामचीन बड़ी फर्मों से संबंधित बैंक खातों के विवरण का मंडी शुल्क से मिलान किया जाएगा. यह तरीका बेहद कारगर माना जा रहा है.

जनपद की नवीन गल्ला मंडी प्रदेश की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार है. किसान रबी व खरीफ में अपनी उपज यहां के कारोबारियों को बेचते हैं. जिसके बाद कारोबारी हजारों कुंतल गेहूं, चना, मटर, मसूर देश के विभिन्न प्रांतों व जनपदों में विक्रय कर देते हैं. खरीफ में भी किसानों की उपज उड़द, सोयाबीन, मूंग आदि को व्यापारी बाहर के जनपदों में भेजते हैं. किसान को कम कीमत देने वाले कारोबारी कई तरह से मुनाफा कमाते हैं. गैर प्रांतों के कारोबारियों से अच्छे रेट लेने के साथ वह डेढ़ प्रतिशत मंडी शुल्क की भी चोरी करते हैं. मंडी अधिकारियों सहित विभिन्न विभागीय अफसरों की मिलीभगत होने के कारण यह खेल पिछले कई वर्षों से लगातार चला आ रहा है. व्यापारी हजारों कुंतल गेहूं आदि उपज बिना मंडी शुल्क अदा किए विभिन्न प्रांतों में भेजते हैं जबकि इसका भुगतान उनकी फर्म के बैंक खाते में आता है.

ऐसे में फर्म के बिलों, खातों में आयी धनराशि का मंडी शुल्क से मिलान कारोबारी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है. प्रशासन की इस पर पैनी नजर है.

रैक पर रोक लगाने के बाद मंडी शुल्क की चोरी को पकड़ने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है. इसके लिए बहुत जल्द विस्तृत जांच करायी जाएगी. नवीन गल्ला मंडी की नामचीन फर्मों के बैंक खातों का विवरण, बिल का लेखाजोखा व मंडी शुल्क की रसीदों के मिलान से गेहूं आदि उपज की वास्तविक बिक्री और कर चोरी उजागर हो जाएगी. उल्लेखनीय है कि झांसी बाईपास स्थित नवीन गल्ला मंडी में मंडी शुल्क की चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है.

यदि इस पर लगाम लगा दिया जाए तो इस मंडी से उत्तर प्रदेश के खजाने को पहले से कई गुना अधिक राजस्व प्राप्त हो सकता है.

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