ज्ञानवापी परिसर में हंगामे के बाद सर्वे का काम आज भी रहेगा जारी
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में अदालत के आदेश पर शुक्रवार को पौने चार घंटे तक सर्वे और वीडियोग्राफी हुई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में अदालत के आदेश पर शुक्रवार को पौने चार घंटे तक सर्वे और वीडियोग्राफी हुई। इस दौरान बाहर सड़क पर नारेबाजी होती रही। सर्वे के चलते सुबह से ही गहमागहमी रही। परिसर के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी से जुड़े लोगों ने सर्वे टीम को परिसर में बैरिकेडिंग से आगे मस्जिद में जाने नहीं दिया। हालांकि, इस दौरान चारों तरफ की वीडियोग्राफी कराई गई। कमेटी के लोग सर्वे की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं।
कमीशन की कार्यवाही के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र अन्य लोगों के साथ दिन में सवा तीन बजे सर्वे के लिए परिसर में पहुंचे। सर्वे के बाद शाम सात बजे बाहर निकले। सर्वे का कार्य शनिवार को भी जारी रहेगा। कमीशन को 10 मई को अपनी रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपना है। मां शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन को लेकर दायर याचिका पर जिला अदालत ने कमीशन बैठाकर सर्वे व वीडियोग्राफी का आदेश दिया है।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा में कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई। ज्ञानवापी पहुंचे अधिवक्ताओं की भी चेकिंग की गई। इसके बाद अंदर प्रवेश दिया गया। इंतजामिया कमेटी से जुड़े पांच अधिवक्ताओं में से एक अभय यादव ने कहा कि कोर्ट के आदेश से इतर काम हुआ तो शिकायत करेंगे। शुक्रवार और सर्वे के चलते परिसर के पास अधिक भीड़ रही। सर्वे जिस समय शुरू हुआ, उस दौरान एहतियातन आसपास की दुकानें लोगों ने बंद कर दीं। बाद में पुलिस की ओर से भरोसा दिलाए जाने के बाद आसपास को छोड़कर बाकी दुकानें खुल गईं।
ये है मामला
नई दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की ओर से 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। वाद में कहा गया है कि भक्तों को मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन एवं अन्य अनुष्ठान करने की अनुमति देने के साथ ही परिसर में स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखा जाए।
वाद में प्रदेश सरकार के अलावा जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया। इस वाद पर मौके की वस्तुस्थिति जानने के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछले 9 अप्रैल को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त कर कमीशन कार्यवाही का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया था।
प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव का रक्तचाप बढ़ा
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (ज्ञानवापी मस्जिद) की प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव एसएम यासीन की तबियत शुक्रवार की सुबह से बिगड़ गई। बताया गया उनका रक्तचाप बढ़ गया है। डाक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है। एसएम यासीन ने पूर्व में कहा था कि हम वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को भी मस्जिद में प्रवेश नहीं करने देंगे।
महिला को हिरासत में लिया गया
शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए तकरीबन दो हजार नमाजी पहुंचे थे। नमाजी नमाज पढ़कर बाहर निकलने लगे तभी एक महिला गेट नंबर चार के बाहर सड़क पर नमाज पढ़ने लगी। पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के अनुसार उसके पास से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें मिली हैं। उसके परिवार वालों से बातचीत की गई है। पता चला कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसकी पहचान जैतपुरा की आयशा के तौर पर हुई है। उसे कबीरचौरा इलाज के लिए भेजा गया है।
दो दिन और चल सकती है सर्वे की कार्रवाई
श्रृंगार गौरी में दर्शन पूजन करने के लिए वाद दाखिल करने वाली महिलाओं के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि शुक्रवार को शुरू हुआ सर्वे का काम रविवार तक पूरा होने की संभावना है। बताया कि खसरा नंबर 9130 के सर्वे के हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं। इस आदेश में पूरे खसरे के सर्वे का आदेश है, जिसमें संपूर्ण ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और शृंगार गौरी समाहित हैं।
ऐसे में इतने बड़े क्षेत्र के सर्वे में तीन दिन का समय लग सकता है। अदालत में मुकदमा दाखिल करने वाली महिलाओं सीता साहू, मंजू व्यास, राखी सिंह के अनुसार वर्ष 1992 तक मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति थी। महिलाओं ने पुलिस के अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। सर्वे को देखते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के 10 थानों की फोर्स और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अतिरिक्त सतर्कता के साथ माहौल पर नजर रखने के लिए कहा है।
कोर्ट कमिश्नर की कार्रवाई से नहीं हैं संतुष्ट, बदलने के लिए प्रतिवादी देंगे अर्जी
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और वीडियोग्राफी के पहले दिन कोर्ट कमिश्नर (अधिवक्ता आयुक्त) को प्रतिवादी पक्ष ने मस्जिद बैरिकेडिंग के आगे नहीं जाने दिया। प्रतिवादी पक्ष के वकील ने दलील देते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश में कहीं नहीं है कि बैरिकेडिंग के अंदर कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव व एखलाक अहमद ने कहा कि हम कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं और कोर्ट में उन्हें बदलने की अर्जी देंगे।
शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और वीडियोग्राफी के पहले दिन अधिवक्ता प्रतिवादी पक्ष ने आरोप लगाया कि कोर्ट कमिश्नर एक-एक चीज को उंगली से कुरेद रहे थे, जबकि कोर्ट द्वारा किसी चीज को कुरेदने या खोदने का आदेश नहीं है। इसलिए इस कार्रवाई से हम संतुष्ट नहीं हैं। अधिवक्ता प्रतिवादी पक्ष ने बताया कि मैंने कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुए एक प्रार्थना पत्र उन्हें दिया कि आप का व्यवहार निष्पक्ष नहीं है।
आप पार्टी के रूप में यहां कार्रवाई करने के लिए आ रहे हैं। आप पर मुझको कोई भरोसा नहीं है और कल मैं इसी आशय का प्रार्थना पत्र कोर्ट में भी दूंगा। चार बजे कमीशन की कार्रवाई शुरू हुई और पश्चिमी तरफ जो चबूतरा है, उसकी वीडियोग्राफी कराई गई है। उसके बाद कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार को खुलवा कर अंदर जाने का प्रयास किया, जिस पर मैंने अपना विरोध दर्ज करवाया। अधिवक्ता ने बताया कि मैंने कहा कि कोर्ट का इस तरह का कोई आदेश नहीं है की बैरिकेडिंग के अंदर जाकर आप उसकी वीडियोग्राफी कर सकें। अधिवक्ता आयुक्त ने कहा कि मुझे ताला खुलवाकर उसकी वीडियोग्राफी करने का आदेश है, जबकि ऐसा कोई आदेश कोर्ट द्वारा नहीं है।