लखनऊ न्यूज़: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान आज एक हफ्ते में हो रहा है. पहले की सरकारों में वर्षों गन्ना मूल्य का भुगतान लटका रहता था. छह साल पहले गन्ना किसानों को पर्ची के लिए परेशान होना पड़ता था. पर्ची की चोरी व गन्ने की तौलाई में घटतौली होती थी. चीनी मिलों के असमय बंद होने से भी किसानों को परेशान होना पड़ता था. अब गन्ना किसान खुशहाल है.
मुख्यमंत्री ने लोकभवन में आयोजित गन्ना उत्पादन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र बांटने और 25 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के नवनिर्मित भवनों के लोकार्पण के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने उनकी समस्याओं का समाधान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति से प्रदेश में चीनी के साथ एथेनॉल बना रही है. पूरे देश में यूपी गन्ना उत्पादन के साथ एथेनॉल, चीनी उत्पादन, खांडसारी यूनिट्स में आज नंबर वन है. हमारी सरकार नई चीनी मिलों की स्थापना करा रही है.
सभी चीनी मिलें करेंगी एक हफ्ते में भुगतान: मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से 2023 के बीच 213400 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है. अब एक हफ्ते में भुगतान प्रदेश में 100 चीनी मिलें कर रही हैं. धीरे-धीरे सभी 118 चीनी मिलें ऐसा करेंगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से 2017 के बीच एक लाख करोड़ के आसपास भुगतान हुआ और हमारी सरकार में वर्ष 2017 से 2023 के बीच 213400 करोड़ का डीबीटी से हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें गन्ना किसानों पर गोलियां चलवाती थी, हमारी सरकार नई चीनी मिलों बना रही है.
बेहतर काम वाले 132 किसान सम्मानित: सीएम ने गन्ना पैदावार के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले 132 किसानों को सम्मानित किया. प्रथम पुरस्कार की श्रेणी में 35, द्वितीय में 36, तृतीय 48 और 13 किसानों को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में दो किसानों को 50-50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया. बागपत के चरण सिंह को पेड़ी और लखीमपुर के राजेंद्री को पौधे के लिए यह पुरस्कार दिया गया. मानक उपज गन्ना आपूर्ति, ऋण वापसी में बरेली के जगदीश प्रसाद, लखीमपुर के रामपाल व अचल कुमार मिश्रा को 51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया.
महिला स्वयं सहायता समूहों को भी पुरस्कार: उत्कृष्ट कार्य योजना में पहला पुरस्कार युवा गन्ना किसानों में मानक, साक्षरता, गन्ना किस्म, बीज एवं भूमि उपचार, पंचामृत व नवाचार पर मुजफ्फरनगर के देवेश आर्य को 51 हजार का पुरस्कार दिया गया. महिला स्वयं सहायता समूह में मुजफ्फरनगर की गंगा महिला स्वयं सहायता समूह, बरेली की अन्नपूर्णा महिला स्वयं सहायता समूह व सरस्वती महिला स्वयं सहायता समूह, पीलीभीत की लालपुर स्वयं सहायता समूह, लखीमपुर खीरी की दशमेष महिला स्वयं सहायता समूह को 51-51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया.