बिहारीजी कॉरिडोर के लिए कोर्ट में की जाएगी जोरदार पैरवी

कोर्ट में दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे

Update: 2023-09-16 05:14 GMT

मथुरा: वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर के मामले में 18 सितम्बर को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उप्र सरकार द्वारा प्रभावी जोरदार पैरवी करने की मंशा जाहिर की गई है. बांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण के लिए 276 मकान और दुकान का अधिग्रहण शासन द्वारा किया जाएगा. इस मामले में याचिकाकर्ता अनन्त शर्मा के अलावा जिला प्रशासन और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण अपना-अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे.

पिछले साल जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान हुए हादसे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए अपार भीड़ के आगमन को देखते हुए बिहारी जी मंदिर का विंध्यवासिनी और काशी की भांति कॉरिडोर बनाने की मंशा व्यक्त की थी. तभी से जिला प्रशासन के साथ उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण कॉरिडोर का खाका खींचने में लग गया था. वृंदावन का गोस्वामी पक्ष कॉरिडोर निर्माण के पक्ष में नहीं है. शासन की कॉरिडोर की प्रबल इच्छा देखते हुए गोस्वामी पक्ष ने हाईकोर्ट में वाद दायर किया, इधर समाजसेवी अनन्त शर्मा भी हाईकोर्ट पहुंच गये. बीते कई माह से सुनवाई हो रही है.

लखनऊ में रविवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित कॉरिडोर की रूपरेखा की समीक्षा करते हुए बैठक में मौजूद उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नगेन्द्र प्रताप, जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह को निर्देश दिए कि हाईकोर्ट में 18 सितम्बर को होने वाली सुनवाई में कॉरिडोर को लेकर प्रभावी पैरवी की जाये. उन्होंने ये भी कहा कि मंदिर में भीड़ के कारण होने वाली घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी तह में जाना भी जरूरी है. हाईकोर्ट के समक्ष इस बिंदु को अच्छी तरह से रखा जाए. हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में इस बार प्रदेश के चीफ स्टैडिंग कौसिंल सरकार का पक्ष रखेंगे. 1938 में निचली अदालत द्वारा दिये गये निर्णय से भी कोर्ट को अवगत कराया जायेगा.

मंदिर में होने वाली घटनाओं की जानकारी देंगे मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन व उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे हाईकोर्ट में बांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण में प्रभावी पैरवी करें. हाईकोर्ट में 18 सितम्बर को इस प्रकरण में सुनवाई होगी. उसकी दौरान कॉरिडोर निर्माण का प्रस्ताव शासन द्वारा रखा जाएगा. उसके बाद तय होगा कि बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर किस प्रकार का बनेगा.

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