एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी, 3.40 लाख के नकली नोटों संग दो को किया गिरफ्तार

Update: 2022-08-11 18:24 GMT

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नकली करेंसी की तस्करी करने वाले गिरोह दो तस्करों को एसटीएफ ने गुरुवार को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी जाली करेंसी सप्लाई करने वाले पश्चिम बंगाल के गिरोह से जुड़े हैं। एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपियों में एक प्रतापगढ़ का और दूसरा मऊआइमा का रहने वाला है। इनके पास से 3.40 लाख की जाली करेंसी बरामद हुई है। सभी नोट दो-दो हजार के हैं। जाली करेंसी बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के लाई गई थी।

उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में जाली करेंसी सप्लाई के सुराग मिलने पर एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट जांच में जुटी थी। एसटीएफ के सीओ नवेन्दु कुमार कुमार के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के गिरोह के सदस्यों को सर्विलांस के जरिए ट्रैक किया जा रहा था। जब गिरोह के दो सदस्य नकली नोटों की खेप लेकर यहां पहुंचे तो गुरुवार को नैनी में जीसी कंपनी के पास उन्हें दबोच लिया गया।
पकड़े गए तस्करों में मदन लाल पुत्र दयाशंकर निवासी महेशपुर थाना लालगंज प्रतापगढ और बबलू चौरसिया पुत्र शंकर लाल चौरसिया निवासी थम्मन का पुरवा, कल्यानपुर थाना मऊआइमा हैं। पूछताछ में दोनों शातिरों ने कबूल किया कि वह एक साल से जाली करेंसी सप्लाई कर रहे हैं। 40 हजार रुपये के असली नोट देने पर एक लाख की जाली करेंसी उन्हें मिलती है। सीओ नवेन्दु कुमार के मुताबिक, पश्चिम बंगाल का रहने वाला दीपक मंडल, उसका रिश्तेदार सुभाष और बहनोई विश्वजीत सरकार बांग्लादेश से नकली नोट लाकर कई रज्यों में सप्लाई करते हैं।
इससे पहले एसटीएफ ने वर्ष 2015 में अच्छेलाल चौरसिया को करीब साढ़े सात लाख के नकली नोटों के साथ तथा वर्ष 2019 में करीब ढाई लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि जेल से छूटने के बाद यह गिरोह फिर से नोटों की सप्लाई करने लगता है। अबकी बार यह यूपी के बजाय दूसरे राज्यों में जाली करेंसी पहुंचा रहे थे।


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