कानपूर न्यूज़: स्कूली बच्चों को शारीरिक दक्ष बनाने के लिए अब स्पोर्ट्स फॉर स्कूल योजना का आगाज किया गया है. इसके लिए चिन्हित 11 खेलों के लिए सभी स्कूलों को अपनी वार्षिक कार्ययोजना बनाकर 15 दिनों में देनी होगी. इसकी रूपरेखा मंडलायुक्त ने जिले के सभी प्रधानाचार्यों के साथ मिलकर तैयार की.
ग्रीनपार्क में कमिश्नर डॉ. राजशेखर और उपनिदेशक खेल मुद्रिका पाठक के नेतृत्व में जिले के प्रधानाचार्यों की बैठक हुई. कमिश्नर ने बताया कि आयुक्त ने अतिरिक्त प्रयास के रूप में बच्चों में खेल की भावना को बढ़ाने के लिए बैठक में उपस्थित सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को अपने विद्यालय के 50 बच्चों की टीम बनाकर उन्हें ग्रीनपार्क स्टेडियम स्थित विजिटर गैलरी, नव निर्मित बैडमिंटन कोर्ट, टेबल टेनिस कोर्ट और वाटर स्पोर्ट्स को बोट क्लब दिखाने को कहा है. पहले चरण 11, दूसरे चरण में 20 और तीसरे चरण में 26 खेलों को मंडल स्तर पर प्रत्येक वर्ष प्रतियोगिता होगी. प्रथम पुरस्कार एक लाख, द्वितीय 50 और तृतीय पुरस्कार 25 हजार रुपये दिया जाएगा. गरीब बच्चों को सीएसआर फंड से किट दिलाई जाएगी.
विद्यालय के बच्चों में खेल की भावना को बढ़ाना.
● सप्ताह में 1-2 बार बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कार्यशाला आयोजित करना.
● विद्यालय में खेल के मैदान को खेल हेतु अनुकूल और बेहतर बनाना.
● विद्यालय में बने अतिरिक्त खेल के मैदान को अपने आस-पास के बच्चों के लिए एक विशेष समय के लिए खोलना और उन्हें खेलने के लिए आकर्षित करना.
● गरीब बच्चों को उनकी रूचि के खेल में प्रतिभाग करने और प्रतियोगिता हेतु उन्हें स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित कर उस खेल की किट उपलब्ध कराना.
● अपने विद्यालय हेतु वार्षिक रूप से खेल गतिविधि कैलेंडर.
ग्रीनपार्क में कमिश्नर की सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य संग की बैठक, 15 दिनों में स्कूल चिह्नित, 11 खेलों के लिए स्पोर्ट्स प्लान बनाएंगे , प्रधानाचार्य अपने विद्यालय के 50 बच्चों की टीम बनाएं
● इस योजना के तहत सभी विद्यार्थियों को शारीरिक गतिविधियों एवं खेलों से जोड़ना.
● प्रत्येक विद्यालयों में टीम का गठन किया जाएगा.
● विद्यालयों में खेल मैदान/कोर्ट का विकास
● विद्यालयों में खेल उपकरणों की व्यवस्था
● विद्यालयों में पहले से उपलब्ध खेल सुविधाओं उपकरणों/खेल मैदान का सुदृढ़ीकरण
● खिलाड़ियों के लिए किट की व्यवस्था
● खिलाड़ियों के लिए प्रतियोगिताओं का समय समय पर आयोजन
● खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं यथा किट, कोचिंग तथा प्रोत्साहन (स्कॉलरशिप)
● प्रशिक्षकों की उपलब्धता एवं नियमित दक्षता संवर्धन
● इस दिशा में बालकों के साथ ही बालिकाओं पर भी विशेष बल देकर उन्हें प्रोत्साहित करना.