चायल की सपा विधायक पूजा पाल समेत कौशांबी के दो विधायक भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हो रही है। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद से ही यह चर्चा तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर यह खबरें तेजी से वायरल हो रही हैं। हालांकि इनकी तरफ से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे माना जा रहा है कि यह दोनों कभी भी पाला बदल सकते हैं। बताया तो यहां तक जा रहा है कि एक दो दिन में यह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।विधानसभा चुनाव 2022 में कौशांबी की तीनों सीटों पर भाजपा को करारी हार मिली थी। सिराथू सीट से प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हार का सामना करना पड़ा था। केशव प्रसाद मौर्य को सपा की पल्लवी पटेल ने पराजित किया था। इसी तरह मंझनपुर सीट से सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने जीत दर्ज की थी, जबकि चायल सीट से पूजा पाल ने भाजपा-अपना दल के प्रत्याशी नागेंद्र सिंह पटेल को हराया था। पूजा पाल बसपा के टिकट पर इलाहाबाद शहर पश्चिमी सीट से दो बार 2007 और 2012 में विधायक रह चुकी हैं।
जिले के दो विधायक सपा को झटका दे सकते हैं। सोशल मीडिया पर दोनों के पाला बदलने की चर्चाएं तेजी से वायरल हो रही हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि दोनों विधायक 31 जुलाई को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कई दिनों से अटकलों का दौर भी चल रहा हैं। दोनों विधायकों के मोबाइल फोन भी बंद रहने के कारण इसे हवा मिलती रही।
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपने कुनबे का तेजी से विस्तार कर रही है। आए दिन दूसरे दलों के कोई न कोई सियासी दिग्गज पार्टी छोड़कर भगवा चोला ओढ़ रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को एक खबर सोशल मीडिया में वायरल हुई कि जिले के दो सपा विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। ऐसा हुआ तो सपा के लिए यह तगड़ा झटका होगा, क्योंकि जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर अभी उसी का कब्जा है।
इन खबरों के वायरल होने से दोनों के समर्थक अपने-अपने विधायकों से संपर्क करने में लग गए। बताते हैं कि पहले तो दोनों विधायकों ने अपने समर्थकों से ऐसी राजनीतिक उठापटक से साफ इन्कार किया, लेकिन जब फोन करने वालों की संख्या बढ़ी तो उसे बंद कर लिया। इसने कयासों के बाजार को और गरम कर दिया। सियासी जानकार दोनों दिग्गजों के संभावित राजनीतिक कदम को लेकर अपने-अपने तर्क दे रहे हैं।
प्रतिनिधि ने छोड़ा विधायक पूजा पाल का साथ
चायल विधायक पूजा पाल के प्रतिनिधि अनिल यादव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे में अनिल ने लिखा है कि चायल विधायक की मनमानी के चलते वह क्षेत्रीय जनता की मदद नहीं कर पा रहे हैं। समाजवादी विचारधारा को बढ़ाने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहेंगे। विधायक प्रतिनिधि के इस्तीफे के कई लोग अलग ही मायने निकाल रहे हैं।
पाल समाज पर पूजा पाल की है मजबूत पकड़
पाल समाज पर अपनी मजबूत पकड़ रखने वाली पूजा पाल अगर भाजपा में शामिल होती हैं तो उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ सकता है। भाजपा इन्हें ओबीसी के चेहरे के रूप में पेश कर लोकसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में है। पूजा पाल विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होती हैं तो पार्टी या तो उन्हें एमएलसी बनाकर मंत्री पद दे सकती है या फिर उप चुनाव में टिकट देकर फिर उतार सकती हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा लोकसभा चुनाव में पूजा पाल को कौशांबी या फूलपुर लोकसभा सीट से भी मैदान में उतार सकती है। कौशांबी से विनोद सोनकर लगातार दूसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं, जबकि फूलपुर सीट से केशरी देवी पटेल सांसद हैं।
दारा सिंह चौहान छोड़ चुके हैं सपा का दामन
कुछ दिन पहले सपा के विधायक दारा सिंह चौहान सपा का दामन छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। दारा सिंह को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है।