वाराणसी। जनपद में अब तक डेंगू के 189 मरीज आ चुके हैं। शहर में 127 और गांव वाले इलाके में 62 मरीज मिले हैं। वहीं, अभी तक जिले में मलेरिया के 67 मरीज पाए गए। डेंगू के बढ़ते केसेज काे देखते हुए वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. संदीप चौधरी ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को डेंगू प्रोटोकॉल फॉलो करने का निर्देश दिया।
कहा कि संदिग्ध मरीजों का ब्लड सैंपल BHU के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में जांच के लिए जरूर भेजें। वहां पर डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज की सूचना जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे को दे दी जाए।
CMO ऑफिस में आज डेंगू को लेकर ACMO, डिप्टी CMO और स्वास्थ्य अधिकारियों की मीटिंग हुई। CMO डॉ. चौधरी ने कहा कि जिले में डेंगू के मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग अपनी नजर बनाए हुए है। डेंगू और मलेरिया के साथ ही टाइफाइड से प्रभावित इलाकों में रोकथाम और नियंत्रण के लिए कार्रवाई की जा रही है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी को भी दिया गया मशविरा
CMO बोले कि गंदगी, जलभराव, गंदी नालियां, जगह-जगह बिखरे पड़े कचरे, चोक पड़ी नालियां, पीने के पानी में गंदगी आदि पर के नियमित साफ-सफाई के काम को तेज किया जाएगा। नगरीय इलाकों के इन कामों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी से बातचीत कर उचित कार्रवाई के लिए सुनिश्चित किया।
एंटी लार्वल स्प्रे का छिड़काव और फॉगिंग का दिया निर्देश
स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंटी लार्वल टीमों को निर्देश दिया गया कि प्रभावित इलाकों में एंटी लार्वल स्प्रे का छिड़काव और फॉगिंग किया जाए। स्थानीय लोगों को भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों को डेंगू लक्षण, बचाव आदि के बारे में जानकारी दी जाए। अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि संभावित रोगियों का इलाज एक अलग वार्ड या कमरे में किया जाए। मच्छरदानी का उपयोग कंप्लसरी किया जाए। जिले और ब्लॉक स्तर के सभी सरकारी अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाया जाए। वहीं पर इलाज की व्यवस्था निःशुल्क हो।
स्किन पर लाल चकते या मसूड़ों-नाखूनों में दर्द बढ़े तो डॉक्टर से मिलें
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने बताया कि इस साल जिले में कुल डेंगू के 189 मरीज आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, सिरदर्द, पीठदर्द, आंखों को हिलाने में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, मसूड़ों-नाखूनों में दर्द आदि लक्षण दिखाई देने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा न लें । डेंगू की पुष्टि हो हो जाने पर घबराएं नहीं। धैर्य रखें और चिकित्सीय सलाह के अनुसार अपना इलाज कराएं। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। सुबह-शाम बाहर निकलते समय फुल आस्तीन के कपड़े और मोजे पहनें। सोने से पहले नीम का धुआं करें। अपने घर के आसपास जलजमाव और गंदगी की स्थिति पैदा न होने दें। मरीज पर्याप्त मात्रा में पानी और ORS घोल, नारियल पानी, फलों का रस आदि लेते रहे। शरीर का तापमान कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी रखें।