राहुल गांधी पर स्मृति ईरानी ने लगाए अनदेखी के आरोप तो हुई ट्रोल, 2014 से पहले 80% घरों में नही थी बिजली और शौचालय

राहुल गांधी पर स्मृति ईरानी ने लगाए अनदेखी के आरोप तो हुई ट्रोल, 2014 से पहले 80% घरों में नही थी बिजली और शौचालय

Update: 2022-06-04 15:58 GMT

उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर 2014 से पहले अमेठी की हालत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अमेठी में 2014 से पहले 80 प्रतिशत घरों में बिजली और शौचालय तक नहीं थे। स्मृति ईरानी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है।

क्या कहा स्मृति ईरानी ने: मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "अमेठी 50 साल तक एक खानदान की जागीर रही। उसका परिणाम ये है कि 2014 से पहले अमेठी में 80 फीसदी घरों में बिजली नहीं थी। आलम यह था कि 80 फीसदी घरों में शौचालय नहीं था। आलम यह था कि अमेठी में कलेक्टर का ऑफिस तक नहीं था।"
स्मृति ईरानी ने कहा, "राहुल गांधी दुनियाभर में घूमते हैं, लेकिन अमेठी का पहला पासपोर्ट केंद्र नरेंद्र मोदी और सुषमा स्वराज ने बनाया। इसी के चलते आज स्थिति यह है कि जो अमेठी गांधी खानदान का गढ़ रहता था, वहां विधानसभा के चुनाव में 5 से 4 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई है।"
स्मृति ईरानी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। एक यूजर अमन मौर्या(@AmanMaurya7007) ने लिखा कि कुछ हद तक फेंकना चाहिए। हद से ज्यादा ग्वार ही फेंकते हैं। वहीं रवि सिसोदिया ने लिखा, "ये लोग तो झूठ भी ऐसे बोलते हैं, जैसे जनता उल्लू बन जाएगी।"
वहीं कबीर सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, "शौचालय से ऊपर भी आओ कभी मैडम, युवाओं को रोजगार दो, जब देखो शौचालय और उज्ज्वला इसके अलावा क्या? अब 370 के बारे में मत बोलना, सब दिख रहा है देश को और राम मंदिर सरकार का नही कोर्ट का फैसला था।"
अतुल सिंह  ने लिखा, "स्मृति ईरानी जी अमेठी की जनता का अपमान कर रही हैं, अमेठी के घरों में बिजली और शौचालय उस समय भी थे जब यह टीवी में नाटक करती थी और लोग टीवी पर इनका नाटक देखते थे।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी सीट से हरा दिया था। ऐसे में वो अमेठी के विकास को लेकर अक्सर गांधी परिवार को घेरती रहती हैं। बीते दिनों उन्होंने जिला मुख्यालय गौरीगंज कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित गरीब कल्याण सम्मेलन में कहा था कि अमेठी को पहले वीआइपी जिला कहा जाता था। लेकिन जब मैं 2014 में यहां लोकसभा का चुनाव लडने आई तो मुझे कुछ भी वीआईपी नहीं दिखा।


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