Sitapur: पंचायतों में भृष्टाचार की भेंट चढ़ा विकास

Update: 2024-10-08 16:02 GMT
Sitapur: जिले के मुखिया अभिषेक आनन्द द्वारा भृष्टा चार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की है। पर ग्राम पंचायतों में प्रत्येक सरकारी बजट को ग्राम प्रधान व सचिवों द्वारा बंदरबाट किया जा रहा है।वहीं ग्राम पंचायतों की पड़ी बेस कीमती जमीनों व तालाबों पर दबंगो द्वारा लगातार कब्जा जारी है। मामला जिले की विकास खण्ड मछरेहटा की ग्राम पंचायत सांडिला का है। जहां पर शिकायत कर्ता के अनुसार के अमृत सरोवर योजना के तहत पूर्ववर्ती प्रधानी में लगभग छः लाख से अधिक की राशि खर्च की गई वहीं वर्तमान प्रधान व सचिव द्वारा पांच लाख से अधिक व्यय दिखाया गया अमृत सरोवर योजना के तहत पन्द्रह लाख से अधिक आवंटित किया गया,पर तालाब की जमीनी हकीकत जैसी की तैसी बनी हुई है।
ग्रामवासियों की माने तो ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास में जमकर धांधली की गई है।आवासों की अगर सही से जांच हो जाये तो करोड़ो का घोटाला सामने आ सकता है। आवास के नाम पर अपात्रों से मोटी रकम लेकर उनको आवास आवंटित किए गए है वहीं ग्राम सभा के पात्र आवास के लिए दर दर भटक रहे हैं,क्योंकि उनके पास देने के लिए भारी कमीशन जो नहीं है।वहीं ग्राम समाज की बीघों बंजर जमीनों पर दबंगो ने कब्जा जमा रखा है।तालाब के नम्बर पर निर्माण कार्य करवाया जा चुका है।ग्राम पंचायत में कई ऐसे कार्य सिर्फ कागजों पर दर्शाकर कर लाखो रुपये निकाल लिए गए।जनता की खून पसीने की कमाई जिम्मेदारो द्वारा मलाई में उड़ाई जा रही है।भृष्टाचार के खिलाफ जाने,जाने वालों में जिला अधिकारी व उनके मातहत क्या कार्यवाही करते है आने वाला समय बताएगा।
क्या जिला प्रशासन की सख्ती से सरकारी जमीने व तालाब होंगे कब्जा मुक्त?
लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए जिला अधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया जिला प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में विधायकों द्वारा किये गये अनुरोध के क्रम में भी नगर निकाय व विनियमित क्षेत्र के बाहर स्थित सम्पूर्ण जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण/प्लाटिंग पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी। इसके लिए तय हुआ कि तहसील स्तर पर राजस्व टीम गठित कर अतिक्रमण कर्ता को पहले नोटिस बाद में जिला पंचायत द्वारा जेसीबी से हटवाया जायेगा।
प्रस्तावित भवन उपयोग अनुमन्य भू उपयोग से भिन्न हो।अर्थात राजस्व विभाग द्वारा भूमि अकृषिक घोषित हो। ऐसे निर्माण कार्य (वाणिज्यिक,शैक्षणिक, आवासीय एवं प्लाटिंग) जिनके मानचित्र जिला पंचायत सीतापुर की गजट उपविधि दिनांक सत्ताइस दिसम्बर 2014 के अन्तर्गत स्वीकृत न कराये गये हों व जिला पंचायत सीतापुर में ग्रामीण क्षेत्रों के निर्माण कार्यों को विनियमित किये जाने की प्रभावी गजट उप। विधि के अनुसार सम्बन्धित उल्लंघनकर्ता के विरूद्व सी०आर०पी०सी० की धारा 133 के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सम्बन्धित को
उप जिला अधिकारी को सन्दर्भित करेंगे।
सम्बन्धित उपजिलाधिकारी द्वारा विधि अनुरूप सुनवाई उपरान्त धारा 133 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत अन्तिम आदेश पारित किया जायेगा।सम्बन्धित उपजिला अधिकारी द्वारा धारा 133 के अन्तर्गत पारित आदेश का नियत तिथि के अन्दर पालन न किये जाने पर सी०आर०पी०सी० 141 के अधीन आदेश जारी किया जायेगा। धारा 141 के अन्तर्गत निर्गत नोटिस का पालन न किये जाने पर राजस्व विभाग द्वारा जे० सी०बी०अथवा अन्य साधन से अवैध प्लाटिंग/अवैध निर्माण हटवाया जायेगा।जिसमें जे०सी०बी० अथवा अन्य साधन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला पंचायत की होगी।
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