भाई के हाथों से चली गोली बहन की मौत,मां की तहरीर पर 10 वर्षीय बेटे पर रिपोर्ट दर्ज

Update: 2024-05-03 08:05 GMT
कानपूर : उन्नाव जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले में बुधवार रात खेल-खेल में भाई के हाथों बहन की जान चली गई। परिजन रिश्तेदारी में गए थे और घर पर तीन भाई-बहन आपस में खेल रहे थे। तभी 10 वर्षीय भाई के हाथ लगे तमंचे से खेल-खेल में ट्रिगर दब गया और गोली इंटर की छात्रा 13 वर्षीय बहन के पेट में जा धंसी। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
 मां की तहरीर पर पुलिस ने मृतका के छोटे भाई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। अन्य बिंदुओं पर जांच जारी है। मोहल्ला निवासी एक युवक के 16 और 13 साल की बेटियां और 10 साल का एक बेटा है। बुधवार रात करीब नौ बजे युवक पत्नी के साथ स्कूटी से अपनी मौसी के यहां गया था। घर में तीनों बच्चे अकेले थे। इसी दौरान दस वर्षीय बेटे के हाथ एक तमंचा लग गया।
पेट में नीचे की ओर दाहिनी तरफ लगी गोली
वह तमंचे से खेलने लगा तभी ट्रिगर दब गया। तमंचा लोड होने से गोली चल गई और कमरे में सामने खड़ी सबसे बड़ी बहन के पेट में नीचे की ओर दाहिनी तरफ लग गई। फायर की आवाज सुनने और छोटे भाई के मदद मांगने के बाद भी करीब एक घंटे तक पड़ोसी और मोहल्ले के लोग किशोरी को अस्पताल पहुंचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। जानकारी होने पर माता-पिता घर पहुंचे।
बेटा कहीं बाहर से लेकर आया था तमंचा
पिता लहूलुहान पड़ी बेटी को जिला अस्पताल लेकर जा रहा था, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। सूचना पर सदर कोतवाल प्रमोद कुमार मिश्रा पहुंचे और जांच की। पिता ने पुलिस को बताया कि घर में तमंचा नहीं था। बेटा कहीं बाहर से लेकर आया था। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। कारतूस लगा तमंचा बाहर से लाने की बात पुलिस के गले नहीं उतर रही है।
मां की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज
सदर कोतवाल ने बताया कि मां की तहरीर पर बच्चे के खिलाफ धारा 304 ए (किसी व्यक्ति द्वारा उतावलेपन में या उपेक्षापूर्ण तरीके से किए किसी ऐसे कार्य से हत्या हो जाए, जिसका आरोपी को बिल्कुल भी अंदाजा न हो) के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। जांच की जा रही है। जांच में पता लगाया जाएगा कि बच्चा तमंचा कहां से लेकर आया। मृतका इंटर की छात्रा थी।
बहन को अस्पताल पहुंचाने के लिए गिड़गिड़ता रहा
पुलिस ने घटना के समय घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले है। फुटेज में पता चला है कि बहन को गोली लगने के बाद भाई पड़ोसियों से बहन को अस्पताल पहुंचाने के लिए गिड़गिड़ाता हुए दिखा। मृतका के पिता का पड़ोसी व मोहल्ले के लोगों से व्यवहार ठीक न होने और गोली कांड में उल्टा खुद को फंसा देने की आशंका के चलते लोगों ने मदद नहीं की। इससे किशोरी को समय पर इलाज नहीं मिल पाया।
जमानत पर छूटकर आया है पिता
कोतवाल ने बताया कि मृतका के पिता पर अभी तक दो मुकदमे दर्ज होने की पुष्टि हुई है। इसमें एक मामला जमीन की धोखाधड़ी और दूसरा मारपीट का है। कुछ दिन पहले ही वह जमानत पर छूटकर आया है। कुछ और मुकदमे, तो दर्ज नहीं हैं, इसकी भी जांच कर रहे हैं।
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