पहले राउंड की वोटिंग में शामली टॉप पर, गाजियाबाद रहा फिसड्डी

Update: 2022-02-11 03:02 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों पर बृहस्पतिवार को 60 फीसदी मतदान हुआ। इस चरण में सबसे अधिक वोट कैराना में 75.12 फीसदी और सबसे कम 45 प्रतिशत वोट साहिबाबाद में पड़े। चुनाव आयोग का कहना है कि कई जगहों से ईवीएम में तकनीकी दिक्कतें आईं, लेकिन मतदान शांतिपूर्ण रहा।

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इन जिलों में औसतन 60.17 फीसदी मतदान हुआ। अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी बीडी राम तिवारी ने बताया कि कुछ जगहों से ईवीएम में तकनीकी दिक्कत की रिपोर्ट मिली। इस पर ईवीएम को बदलकर मतदान कराया गया। कैराना विधानसभा सीट पर दुंदुखेड़ा गांव में गरीब मतदाताओं को मतदान करने से रोके जाने के सपा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट के संज्ञान में यह मामला लाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 800 कंपनियों के अलावा एक लाख पुलिसकर्मी-होमगार्डों की तैनाती की गई थी।
पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट बहुल क्षेत्र में वोट डाले गए। यहां के किसानों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। ऐसे में इस चरण को भाजपा के साथ ही रालोद-सपा गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है।
623 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
पहले चरण की 58 सीटों पर 623 उम्मीदवार हैं। इसमें से 73 महिलाएं अपना भाग्य आजमा रही हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने पहले चरण की 58 सीटों में से 53 पर जीत हासिल की थी, जबकि सपा और बसपा को दो-दो सीटें मिली थी। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का भी एक उम्मीदवार विजयी हुआ।
161 ईवीएम में आई खराबी, देर तक रुका रहा मतदान
चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में ईवीएम खराब होने की शिकायतें आयोग को मिली, जिसकी वजह से मतदान भी प्रभावित हुआ। शामली और बुलंदशहर में सबसे अधिक श्कियतें आईं। 161 बूथों पर खराबी के बाद आयोग को मशीनें बदलनी पड़ी। इसमें बैलेट यूनिट व कंट्रोल यूनिट दोनों बदलनी पड़ी। इसके अलावा 374 स्थानों पर वीवीपैट की शिकायत मिली, जिसके बाद वीवीपैट भी बदला गया।
आयोग भी वार रूम से रख रहा था नजर, पूरे दिन घनघनाते रहे फोन
आयोग भी वार रूम से नजर रख रहा था। जिन बूथों पर वेबकास्टिंग की जा रही थी, उसमें से बड़ी संख्या में बूथों की लाइव तस्वीरें आयोग के वार रूम में दिख रही थीं। आयोग को सी विजिल एप के जरिए 358 शिकायतें मिली जिसमें से 171 शिकायतें सही पाई गईं। आयोग को हेल्पलाइन के जरिए जो भी शिकायतें मिल रही थीं, उस पर कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे थे। सबसे अधिक शिकायतें वोटर लिस्ट में नाम न होने को लेकर थीं। एक महिला ने शिकायत की कि उसका वोट पहले ही बैलेट पेपर से दे दिया गया।
43,420 मतदाताओं ने किया पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल
पहले चरण में चार श्रेणी के लोगों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की छूट दी गई थी। इसमें 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, दिव्यांगों, अनिवार्य सेवा में लगे कर्मियों और मतदान ड्यूटी में लगे कर्मियों को छूट दी गई थी। पहले चरण में 58924 मतदाताओं को पोस्टल बैलेट आवंटित किए गए थे जिसमें से 43420 मतदाताओं ने इसका प्रयोग करते हुए मतदान किया।
इन मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में कैद
श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण।
गाजियाबाद में भाजपा-कांग्रेस समर्थक भिड़े
गाजियाबाद में भाजपा सांसद वीके सिंह और कांग्रेस नेता राजन कांत के समर्थकों के आपस में भिड़ंत की खबर है। दरअसल यह झगड़ा सिंह के मतदान के बाद मीडिया से बात करते वक्त भाजपा के कार्यों को गिनाने का कांग्रेस नेता के समर्थकों ने विरोध किया। इसे लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में धक्कामुक्की करने लगे। सुरक्षा बलों के दखल के बाद मामला शांत हुआ।
दुल्हे ने घुड़चढ़ी के बाद डाला वोट
बुलंदशहर में दुल्हा बलराम अपनी शादी की रस्में पूरी करने से पहले सदर सीट की चार खंभा केंद्र पर वोट डालने के लिए पहुंचा। बलराम ने घुड़चढ़ी की रस्म के बाद मोटर साइकिल से मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया।
शामली में सबसे अधिक तो गाजियाबाद में सबसे कम मतदान
जिला मतदान (औसत, प्रतिशत में)
अलीगढ़ 60.49
आगरा 60.33
बागपत 61.35
बुलंदशहर 60.52
गौतमबुद्ध नगर 54.38
गाजियाबाद 56.73
हापुड़ 60.50
मथुरा 63.28
मेरठ 60.91
मुजफ्फरनगर 65.34
शामली 69.42
तुलनात्मक आंकड़े प्रतिशत में
जिले का नाम- 2022 - 2017
शामली- 69.42- 67.12
मुजफ्फरनगर- 65.34- 65.50
मेरठ- 60.91-66.00
बागपत- 61.35-64.99
गाजियाबाद- 54.77-58.10
हापुड़- 60.50-65.67
गौतमबुद्घनगर- 56.73-59.17
बुलंदशहर- 60.52-64.65
अलीगढ़- 60.49-64.66
मथुरा- 63.28-65.39
आगरा- 60.33-63.88

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