Shamli: किसानों और मिल प्रबंधन के बीच हुई वार्ता विफल हुई

धरना जारी

Update: 2024-10-10 06:06 GMT

शामली: शुगर मिल शामली पर लगभग 200 करोड रुपए के गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान को लेकर किसानों और मिल प्रबंधन के बीच हुई वार्ता विफल हो गई है । इसके बाद किसानों की अगली रणनीति क्या रहेगी इसी पर सब की नजर है।

आपको ज्ञात ही है कि दो दिन से शामली में कलेक्ट्रेट के बाहर हाईवे पर किसानों का धरना चल रहा है और चीनी मिल में भी धरना चल रहा है ।2 दिन से पूरी शामली में जगह जगह जाम की स्थिति बनी हुई है । हजारों किसान आज धरने पर बैठे हुए हैं। देखे वीडियो

इसी बीच आज भारतीय किसान यूनियन की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत भी धरने को समर्थन देने पहुंचे, इसके बाद जिला प्रशासन ने एक बार फिर पहल की कि मिल प्रबंधन और किसानों के बीच वार्ता कराई जाए ।

देर शाम अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष कुमार सिंह की उपस्थिति में मिल प्रबंधन और किसानों की वार्ता हुई, जिसमें मिल प्रबंधन की ओर से त्रिवेणी ग्रुप के यूनिट हेड डॉक्टर अशोक चौधरी ने स्पष्ट कर दिया कि वह भुगतान देने की स्थिति में नहीं है । 25 करोड़ रूपया इसी महीने और 25 करोड़ रूपया अगले महीने भुगतान कर सकते हैं जबकि किसान पूरा 200 करोड रुपए का भुगतान किए जाने पर अड़े रहे जिसको लेकर घंटों गर्मागर्मी रही लेकिन कोई हल नहीं निकला ।

यूनिट हेड डॉ. अशोक और किसानों के बीच बातचीत में कई बार गर्मागर्मी की स्थिति भी बनी जिसे एडीएम ने संभालने की कोशिश की। वार्ता के कुछ अंश –

यूनिट हेड : हम 25 करोड रुपये दे चुके हैं अन्य बाकी रुपया भी धीरे-धीरे दे देंगे

किसान : किसान का रुपया सरशादी लाल ग्रुप को क्यों दिया तुमने, पहले किसानों का देना चाहिए था।

यूनिट हेड: हमनें शेयर पर मिल खरीदी है, पहले एक ने शेयर दिया था, बाद में हम ओपन मार्केट में गए थे बाद में दोनों ने हमें शेयर दिए थे।

किसान : हमें रुपये चाहिए, जब तितावी मिल भुगतान कर सकता है तो शामली मिल क्यों नहीं, पहले मालिक घर का कर्जा चुकाता है न कि घर चलाता है।

यूनिट हेड : 25 करोड़ इस माह जबकि 25 करोड़ अगले माह आपको भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे भुगतान किया जाएगा।

किसान : हमें ये कतई मंजूर नहीं है, पूरा बकाया लेकर रहेंगे, पचास करोड मंजूर नहीं होगा।

यूनिट हेड : विश्वास करो आपको निराश नहीं होने देंगे

किसान : हमें ये कतई मंजूर नहीं है।

इसी बीच वार्ता कर रहे किसान की आंखों में आ गए आंसू, बोला, रुपये लेकर ही लौटेंगे।

भैंसवाल गांव के किसान वीरेंद्र, वार्ता के दौरान डॉ अशोक से भिड़ बैठा। किसान ने पहले तो हंगामा किया। बाद में रोते हुए कहा कि बकाया भुगतान नहीं मिलने के कारण बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रहे हैं, जिसके कारण परेशानी हो रही है।

उसने मिल प्रशासन पर जान बूझकर भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया। अन्य किसानों की भी मिल प्रशासन से नोकझोंक हुई। बाद में किसी तरह किसानों को शांत कराया गया। किसानों ने स्पष्ट कह दिया कि वह मिल को किसी भी सूरत में भुगतान नहीं होने तक चलने नहीं देंगे।

इसके बाद वार्ता विफल हो गई वार्ता में अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह एसडीएम हामिद हुसैन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे लेकिन उनके प्रयास भी कारगर नहीं हुए ।

किसानों का कहना है कि जब हमने गन्ना भुगतान दिया है और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री 14 दिन में गन्ना भुगतान का सार्वजनिक वायदा करते हैं तो फिर 2 साल बाद भी उन्हें गन्ना भुगतान के लिए आंदोलन क्यों करना पड़ रहा है ।

किसान बकाया गन्ना भुगतान पर 54 करोड़ से ज्यादा के ब्याज की भी मांग कर रहे हैं। समझौता वार्ता में शामिल किसानों ने कहा कि धरना स्थल पर आगे की रणनीति का फैसला किया जाएगा।

इससे पूर्व धरने के संयोजक संजीव शास्त्री ने बताया था कि किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए गया है,उसके आने के बाद आज देर रात तक ही किसानों की अगली रणनीति का फैसला कर दिया जाएगा ।

फिलहाल शामली में किसानों का धरना जारी है और मिल प्रबंधन भुगतान न करने पर अड़ा हुआ है जिससे गतिरोध भी बना हुआ है। किसान मेरठ हाई वे को भी जाम करने की तैयारी कर रहे है। किसानों का अगला फैसला क्या होगा इसी पर अब सब की नजरे हैं।

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