अतिक्रमण मुक्त करने की जिम्मेदारी सम्भाले प्रवर्तन दल में तैनात 7 पूर्व सैनिकों की सेवा समाप्त

वर्तमान में रिटायर कर्नल जी एस बेदी के अलावा टी एन पस्तौर व एस बी सिंह प्रवर्तन दल में शामिल हैं

Update: 2024-04-09 05:55 GMT

कानपूर: नगरीय क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने की जिम्मेदारी सम्भाले प्रवर्तन दल में बढ़ रहे गतिरोध के बाद नगर आयुक्त ने प्रवर्तन दल में तैनात सात रिटायर सैनिकों की सेवाएं समाप्त कर दं. सातों पर आचरण नियमावली के विरुद्ध काम करने के साथ ही अनुशासनहीनता पर कार्रवाई की गई है. हालांकि सातों रिटायरसैनिक इसके खिलाफ कोर्ट चले गए हैं. वर्तमान में रिटायर कर्नल जी एस बेदी के अलावा टी एन पस्तौर व एस बी सिंह प्रवर्तन दल में शामिल हैं.

2018 में नगर निगम में रिटायर्ड कर्नल एन एन बाजपेयी ने प्रवर्तन दल की कमान सम्भाली. समय के साथ अवैध कब्जों व अतिक्रमण कार्रवाई के बीच तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बाद प्रवर्तन दल की कार्यशैली पर व्यापारियों ने ही नहीं, बल्कि नगर निगम के पार्षदों ने भी गम्भीर आरोप लगाए. इन आरोपों के बीच प्रवर्तन दल कर्मचारियों के अंदर फैल रहे गतिरोध का परिणाम यह हुआ कि गुट ने सीधे रिटायर कर्नल व कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई के दौरान जब्त सामानों को गायब करने का आरोप लगाकर शिकायत की, बल्कि फोटो व वीडियो भी अफसरों तक पहुंचाएं. जांच के नाम पर नगर निगम जिम्मेदार कुछ कार्रवाई न कर सके और हालात यहां तक पहुंच गए कि अवैध कब्जों पर कार्रवाई के दौरान कई बार सम्पत्ति अधीक्षक व प्रवर्तन दल खुलकर आमने-सामने आ गए. यहां प्रवर्तन दल प्रभारी ने एसओपी का हवाला देते हुए नगर निगम के बीच अनुबंध के मुताबिक प्रत्येक वर्ष सेवा नवीनीकरण के आवेदन व मेडिकल फिटनेस न कराने पर आपत्ति जताते हुए 10 नवम्बर 23 को आदेश जारी कर दिए. दो कर्मचारियों ने अनुबंद्ध के अनुसार प्रमाण पत्र जमा कराया, लेकिन सात कर्मचारियों ने प्रमाण पत्र नहीं दिया. आचरण विरुद्ध काम पर नगर आयुक्त ने तीन माह का नोटिस जारी कर रिटायर फौजी वीरेन्द्र परिहार, मोहन सिंह, मनोज, अशोक सिंह, विक्रम, गोविन्द व कमलेश कुमार मिश्रा की सेवाएं समाप्त कर दी है.

सभी को दिया गया था नोटिस

अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता कहती है कि प्रवर्तन दल में रिटायर कर्नल जीएन बेदी के अलावा 9 रिटायर फौजियों की टीम थी. इसमें सात फौजियों को आचरण नियमावली के विपरीत कार्य करने एवं आदेशों की अवहेलना कर अनुशासनहीनता पर तीन माह पहले नोटिस जारी किया गया था. नोटिस अवधि पूरी होने के बाद सभी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

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