बस्ती न्यूज़: रोडवेज बस्ती डिपो के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी सूबेदार सिंह को उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना किए जाने के मामले में कार्रवाई हुई है. वरिष्ठ केंद्र प्रभारी पर आरोप है कि मनमाने ढंग से कार्य करने, अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन न करने नियमों के अनुरूप कार्य नहीं किया. गंभीर अनियमितता मिलने पर यूपी रोडवेज के जीएम कार्मिक ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया है. निलंबन की इस कार्रवाई से डिपो में हड़कंप मच गया.
निलंबन आदेश पत्र में जीएम कार्मिक अशोक कुमार ने कहा है कि विरेंद्र कुमार पांडेय अनुबंधित वाहन स्वामी के बस संख्या यूपी 55 एटी 0459 का अनुबंध पेडारी-सकारपाल-बांसी, बस्ती-गोरखपुर मार्ग पर हुआ था. इसमें पेडारी सकारपाल-बांसी ग्रामीण मार्ग दर्ज है, जिसकी दूरी 21 किमी है. इसका संचालन सूबेदार सिंह वरिष्ठ केंद्र प्रभारी बस्ती डिपो ने ग्रामीण मार्ग पर नहीं कराया गया, बल्कि उक्त बस को बस्ती-बांसी गोरखपुर की ड्यूटी स्लिप दी जाती रही. इसके आधार पर बस स्वामी को प्रोत्साहन का भुगतान नहीं रोका जाना चाहिए था. साथ ही साथ वाहन स्वामी ने जनसूचना के माध्यम से अपनी अनुबंधित बस के प्रोत्साहन के संबंध में सूचना मांगे जाने पर सूबेदार सिंह ने मनमाने ढंग से कार्यालय प्रति से भिन्न सूचना वाहन स्वामी को उपलब्ध करा दी. बस्ती डिपो के प्रोत्साहन बिल माह मार्च अप्रैल 2022 और मई-जून, 2022 जो क्षेत्रीय कार्यालय में भुगतान के लिए प्रेषित किए गए हैं. इस पर सूबेदार सिंह के हस्ताक्षर हैं, जबकि उनके द्वारा उक्त अवधि के प्रोत्साहन बिल का संपूर्ण परीक्षण ड्यूटी स्लिप का मिलान कर लिए जाने के बाद हस्ताक्षर किए गए होते, तो भुगतान नहीं रोका गया होता. इस प्रकार के विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई होती.
स्ती डिपो के बुकिंग क्लर्क मो. साबिर निलंबित
क्षेत्रीय प्रबंधक गोरखपुर परिक्षेत्र पीके तिवारी ने अनुबंधित बस यूपी 55 एटी 0459 मामले में बस्ती रोडवेज डिपो के बीसी मो. साबिर को निलंबित कर दिया है. बस मालिक विरेंद्र कुमार पांडेय की शिकायत के बाद जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई है. मो. साबिर को अनुबंधित बस के प्रोत्साहन व जनसूचना के माध्यम से मागे गए अभिलेख में कार्यालय प्रति से भिन्न अभिलेख व भ्रमित सूचना देने व मनमाने ढंग से कार्य करने का दोषी पाया गया है. इस प्रकरण में आरएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
ओवरराइट कर हड़पी गई धनराशि में भी तय हुआ था आरोप
एक संविदा परिचालक द्वारा मार्ग पत्र (वे-बिल) में ओवरराइट करके रोडवेज के राजस्व को क्षति पहुंचाई गई थी. इसमें 19 हजार 616 रुपये राजस्व हड़प लिए थे. इस मामले में वरिष्ठ केंद्र प्रभारी व केंद्र प्रभारी को नोटिस देते हुए सात कर्मियों को चार्टशीट दिया गया था. वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को जिम्मेदार भी ठहराया गया था.