आगरा न्यूज़: डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि की 'डिजिटल आत्मनिर्भरता' दूसरों के कंधों पर है. आवासीय संस्थानों के एग्जाम फॉर्म भरने के लिए विवि आत्मनिर्भर हुआ, लेकिन आत्मनिर्भरता एक कंपनी के सहारे है. स्थिति यह है कि परीक्षा फॉर्म भरने का पोर्टल कंपनी के सब डोमेन पर ही चल रहा है. जबकि विवि के पास अपने ही कई डोमेन हैं. इससे विवि का आत्मनिर्भर सिस्टम ही सवालों के घेरे में है. छात्रों के डेटा में सेंध लग सकती है.
विवि एजेंसी के सहारे ही पूरा एग्जाम सिस्टम चला रहा है. पिछले दिनों पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक का मामला सामने आने के बाद विवि एजेंसी पर फंस गया. इसके बाद विवि ने एजेंसी के मामले में आत्मनिर्भर बनने का फैसला लिया. पहले चरण में आवासीय संस्थानों के परीक्षा फॉर्म भरवाने के लिए अपना पोर्टल तैयार कराया गया, लेकिन यह पोर्टल एक कंपनी के डोमेन से संचालित हो रहा है. विवि का दावा है कि एग्जामिनेशन पोर्टल को तैयार करने में प्रो. मनु प्रताप सिंह, प्रवेश समन्वयक डॉ. अमित सिंघल, इंजी. आलोक कटियार, प्रतिभा रश्मि, दीपक शामिल रहे. इसके लिए कुलपति प्रो. आशु रानी ने टीम को बधाई दी थी. कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार के अनुसार पोर्टल को तैयार करने में कंपनी की मदद ली थी.
आईटी एक्सपर्ट इंजी. उपेन्द्र अवस्थी के अनुसार यह पोर्टल आई-डायरी के सब डोमेन के माध्यम से चल रहे हैं. सर्वर भी विवि के अतिरिक्त किसी अन्य के डोमेन का प्रयोग किया जा रहा है. ऐसे में वह डेटा में पूरी एक्सेस ले सकता है.