Gaziabad केस चलने के दौरान भी जब्त वाहन वापस मिल सकेंगे

दौरान भी जब्त वाहन वापस मिल सकेंगे

Update: 2023-10-09 07:59 GMT
उत्तरप्रदेश   डीजीपी के निर्देश पर गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने ऑपरेशन क्लीन शुरू कर दिया है. इसके तहत थानों में खड़े लावारिस और मुकदमों से संबंधित वाहनों का निस्तारण किया जाएगा. अच्छी खबर यह है कि अदालत में केस चलने के दौरान भी मुकदमों में जब्त वाहन उनके मालिकों को मिल सकेंगे.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक थानों में लावारिस और मुकदमों से जुड़े वाहनों का अंबार लगा हुआ है. कई थानों में तो एक के ऊपर एक रखकर वाहनों के पहाड़ तक बने हुए हैं. थाना परिसरों तथा थानों के बाहर खड़े वाहनों के निस्तारण के लिए डीसीपी ने ऑपरेशन क्लीन चलाने के निर्देश दिए हैं. गाजियाबाद के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. कमिश्नरेट के तीनों जोन में लावारिस, मुकदमों में जब्त तथा मोटर वाहन अधिनियम में सीज वाहनों का रिकॉर्ड तैयार कर लिया गया है. डीजीपी के निर्देशानुसार दस नवंबर तक अधिक से अधिक वाहनों को निस्तारित करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस तरह होगा वाहनों का निस्तारण
मुकदमों से जुड़ी गाड़ियां अधिकारियों के मुताबिक पूर्व में केस का निर्णय आने तक मुकदमों से जुड़े वाहन थानों में खड़े रहते थे. पुलिस अब ऐसे वाहनों को कोर्ट के जरिये उनके मालिकों को दिलाएगी. शर्त होगी की जरूरत पड़ने पर मालिक उस वाहन को पेश करेगा और उसकी बिक्री या खुर्द-बुर्द नहीं करेगा.
लावारिस वाहन लावारिस वाहन मिलने के बाद इंजिन-चेसिस नंबर के जरिये ई-वाहन ऐप से उनके मालिकों की तलाश की जाती है. अगर नंबरों में किसी तरह की छेड़छाड़ की गई होती है तो मालिकों को ट्रेस नहीं किया जा सकता. कमिश्नरेट सिस्टम में एसीपी स्तर के अधिकारियों को यह शक्ति दी गई है कि वह ऐसे वाहनों की नीलामी कर सकते हैं, जिनके स्वामी का पता छह महीने में भी नहीं लग सका है.
ऑपरेशन क्लीन के तहत वाहनों के निस्तारण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. ट्रायल के दौरान भी मुकदमों से संबंधित वाहन उनके स्वामियों को दिलाए जाएंगे. इसके लिए स्वामियों को कोर्ट से सशर्त अनुमति दिलाई जाएगी.
-अजय कुमार मिश्र, पुलिस आयुक्त
एमवी एक्ट में सीज वाहन दस्तावेज न दिखाने पर पुलिस वाहनों को सीज करने की कार्रवाई करती है. इन वाहनों को कोर्ट के आदेश पर छोड़ा जाता है. ऑपरेशन क्लीन के तहत अगर चालक संदिग्ध नहीं है तो वह एसीपी या उससे ऊपर के अधिकारी को दस्तावेज दिखाकर सीज वाहन छुड़वा सकेगा.
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