कोरोना वायरस से लड़ने वाले यौगिकों की इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की खोज, विदेशी लैब में परीक्षण जारी
कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में दुनियाभर के वैज्ञानिक व चिकित्सक शिद्दत से जुटे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में दुनियाभर के वैज्ञानिक व चिकित्सक शिद्दत से जुटे हैं। यह वायरस भी अलग-अलग रूप धरकर सबकी मुसीबतें बढ़ा रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने आठ ऐसे रासायनिक यौगिकों को खोजने का दावा किया है, जो कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर साबित होंगे। कम्प्यूटर आधारित अध्ययन में सफलता मिलने के बाद इविवि के रसायन विज्ञान विभाग की प्रयोगशाला में प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में एक शोध टीम ने इन यौगिकों को तैयार किया है।
प्रो. सिंह ने बताया कि पहले चरण में उनकी टीम ने 50 रासायनिक यौगिकों पर कम्प्यूटर आधारित अध्ययन किया। साथ ही शरीर में कोरोना वायरस के प्रवेश करने और उसके हमला करने के तौर-तरीकों को समझा। फिर वायरस के प्रोटीन को केंद्र बिंदु मानकर कम्प्यूटर पर 50 तरह के यौगिकों और वायरस के प्रोटीन के बीच मिलान कराया गया। इन 50 में से आठ यौगिकों की पहचान कोरोना वायरस के इंफेक्शन को मात देने वाले यौगिक के तौर पर की गई, जो कोरोना की दवा तैयार करने में कारगर साबित होंगी।
बकौल प्रो. सिंह दो चरणों में कामयाबी मिलने के बाद इन यौगिकों को जैविक परीक्षण के लिए बेल्जियम के रेगा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल रिसर्च और इटली के यूनिवर्सिटी ऑफ कैगलीयारी को भेजा है। बेल्जियम और इटली की प्रयोगशालाओं में अब सेल लाइंस व टिश्यूज पर परीक्षण का काम चल रहा है। इसके बाद इन यौगिकों का चूहे और बंदर पर परीक्षण होगा। अपेक्षित सफलता के बाद इसे बाजार में उतारने की कवायद शुरू की जाएगी।
प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में किए गए इस शोधपरक अध्ययन में इविवि के रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. विशाल सिंह, हिमानी चौरसिया, ऋचा मिश्रा, डॉ. रितिका श्रीवास्तव, डॉ. फरहा नाज, डॉ. अनुराधा सिंह और बायोइनफार्मेटिक्स विभाग से डॉ. अनूप सोम व प्रियंका शामिल हैं। प्रो. सिंह और उनकी टीम का यह शोध फ्रांस के प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ बायोमालिक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डायनेमिक्स के हालिया अंक में प्रकाशित हो चुका है।