बच्चों को कर दिए बंद स्कूल अलॉट, कानपुर में दाखिले के नाम पर खेल
पब्लिक स्कूलों से साठगांठ के चलते आरटीई के तहत पूरे प्रदेश में गरीब बच्चों के प्रवेश प्रभावित हो गए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पब्लिक स्कूलों से साठगांठ के चलते आरटीई के तहत पूरे प्रदेश में गरीब बच्चों के प्रवेश प्रभावित हो गए हैं। आलम यह है कि कानपुर में 50 फीसदी से भी कम प्रवेश हो सके हैं। वेबसाइट पर बंद स्कूल, विद्यालयों के गलत नाम डाले जाने और वास्तविक सीटों की संख्या कम फीड करने जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं। ऐसे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने पांच अगस्त से पोर्टल पर ऑनलाइन एडिटिंग (सुधार) का मौका दिया है।
आरटीई की वेबसाइट पर कानपुर नगर से 1343 स्कूल पंजीकृत कराए गए थे। तीन चरणों में 14868 अभिभावकों ने पंजीकरण कराया था। इसमें से 8077 बच्चों के नाम लॉटरी में निकले थे। अब तक करीब 3850 बच्चों के प्रवेश हो चुके हैं। इसके बावजूद 4227 बच्चों के प्रवेश होना शेष हैं। अप्रैल से प्रवेश प्रक्रिया चल रही है लेकिन चार माह बाद भी पूरी नहीं हो सकी है।
पब्लिक स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए आरटीई की मैपिंग (स्कूल संबंधी प्रत्येक विवरण) से खेल शुरू हो जाता है। कानपुर समेत पूरे प्रदेश में मैपिंग में गड़बड़ियां पाई गई हैं। स्कूलों के नाम गलत कर दिए गए हैं। इसी तरह बंद स्कूलों के नाम भी पोर्टल में दर्ज हो गए। छात्रों को ऐसे स्कूल अलॉट कर दिए गए। इस कारण बड़ी संख्या में बच्चे प्रवेश से वंचित रह गए।
पांच अगस्त तक कर लें सुधार
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन यादव ने सभी बीएसए से कहा है कि पोर्टल पर एडिटिंग के लिए पांच अगस्त से मौका दिया है। इस दौरान केवल बंद स्कूलों को डिलीट किया जा सकेगा। स्कूलों के नामों को सही किया जा सकेगा। किसी भी बच्चे का नाम लिस्ट से हटाया नहीं जाएगा।