आगरा में बढ़ती कीमतों ने सीएनजी वाहनों की रफ्तार रोकी, पेट्रोल के करीब पहुंची कीमत

आगरा में सीएनजी के दाम छह माह के भीतर 72 रुपये से बढ़कर 91.96 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।

Update: 2022-07-03 02:12 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आगरा में सीएनजी के दाम छह माह के भीतर 72 रुपये से बढ़कर 91.96 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। यह डीजल से भी महंगी पड़ रही है। ऐसे में ताज ट्रेपेजियम जोन आगरा में वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित कराने वाले 50 फीसदी कम हो गए हैं। शहर के आधा दर्जन अधिकृत सेंटरों से लगवाई जाने वाली सीएनजी किट अब आधी ही रह गई है।

सीएनजी की महंगाई ने प्रदूषण रहित ईंधन वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए हैं। जनवरी में सीएनजी के दाम 63.75 प्रति किलो थे। फरवरी में बढ़कर 72 रुपये प्रति किलो हो गए। इसके बाद से सीएनजी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
कम हुई सीएनजी लगवाने वाले वाहनों की संख्या
सीएनजी किट सेंटरों के मालिकों के मुताबिक, पहले जहां शहर के आधा दर्जन अधिकृत सेंटरों पर प्रतिमाह 500 वाहनों में सीएनजी किट लगवाई जा रही थीं, अब यह करीब 200 ही रह गई हैं। 12, 14 और 19 किलोग्राम की सीएनजी किट के दामों में मांग में कमी आने से दाम भी कम हुए हैं। पहले 14 किलो की किट 45 हजार रुपये में तक में लगाई जा रही थी, अब यह कीमत 40 हजार रुपये प्रति किट हो गई है।
संख्या आधी भी नहीं रही
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित किटफिट सीएनजी सेंटर के प्रोपराइटर सचिन अग्रवाल ने कहा कि सीएनजी किट लगवाने वालों की संख्या आधी भी नहीं बची है। अब निजी वाहनों में बहुत कम लोग ही सीएनजी किट लगवा रहे हैं। इसके पीछे बीएस-6 किट को आरटीओ की अनुमति नहीं मिलना, दूसरे जिलों से यहां ज्यादा महंगी गैस, डीजल का गैस से सस्ता होने जैसे कारण हैं।
दूसरे जिलों से महंगी है सीएनजी
लखनऊ में सीएनजी 87.80 प्रति किलो, उन्नाव में 87.80 अयोध्या में 88 रुपये प्रति किलो है। इसी तरह गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली में भी सीएनजी की कीमतें कम हैं।
कंपनी ने भी प्राइवेट किट कम कीं
पहले कंपनियां वाहनों में सीएनजी किट लगवाकर नहीं देती थीं, लेकिन अब मारुति, हुंडई और टाटा की कई वर्जन की गाड़ियों में सीएनजी किट लगाकर दी जा रही हैं। आरटीओ से भी बीएस-6 किट लगीं गाड़ियों को आसानी से अनुमति मिल जा रही है। ऐसे में व्यावसायिक वाहनों को खरीदने वाले कंपनी फिटेड किट ही पसंद कर रहे हैं।
बीएस-6 वाहनों को मंजूरी नहीं
जिले में पांच हजार से ज्यादा वाहनों में सीएनजी किट लगी हुई है मगर आरटीओ से अनुमति नहीं मिल रही है। आरटीओ प्रशासन पीके सिंह का कहना है कि कंपनी फिटेड को ही मंजूरी दी जा रही है।
पंजीकरण व परिवर्तन में आई कमी: एआरटीओ
एआरटीओ (प्रशासन) एके सिंह ने कहा कि सीएनजी वाहनों के पंजीकरण व परिवर्तन में छह माह में कमी आई है। पहले यह संख्या प्रतिमाह 500 से 600 तक हो जाती थी, लेकिन इनमें गिरावट आई है।
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