खुलासा: आरोपी ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करके दी थी धमकी
पुलिस की तरफ से आरोपी की पहचान करने के लिए गूगल को पत्र भी लिखा गया
गाजियाबाद: शहर के स्कूलों को को भेजे गए धमकी भरे मेल के लिए आरोपी ने वर्चुअल प्राइवेट नंबर का प्रयोग किया था. पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है. आईटी की टीम इस पूरे मामले में जांच कर ही है, वहीं पुलिस की तरफ से आरोपी की पहचान करने के लिए गूगल को पत्र भी लिखा गया है.
शालीमार गार्डन बी-ब्लॉक स्थित दिल्ली कांवेंट स्कूल, दशमेश पब्लिक स्कूल और चंद्रनगर स्थित डीएवी सेंटेनरी स्कूल को पिछले को बम से उड़ाने की धमकी के मेल भेजे गए थे. हालांकि, इस प्रकार के मेल एनसीआर के कई स्कूलों को भी भेजे गए थे. गाजियाबाद के तीनों में से स्कूलों की तरफ से संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज कराया था. आईटी की टीम के एक्सपर्ट पूरे मामले का पर्दाफाश करने के प्रयास में लगे हुए हैं. सूत्रों की मानें तो शुरुआती जांच में सिर्फ यह पता चल पाया है कि धमकी वाला मेल भेजने वाले व्यक्ति ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग किया, ताकि भेजे गए मेल के सोर्स की जानकारी ना हो सके. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद पुलिस ने भी दूसरे से इनुपट शेयर किए हैं, ताकि आरोपी तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके. डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि शुरुआती जांच में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क से धमकी भरा मेल भेजे जाने की बात प्रकाश में आई है, फिर भी टीमें और भी डिटेल त्र करने में जुटी हैं.
क्या होता है वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क: यह ऐसा नेटवर्क है, जिसके जरिए फोन करने वाले के बारे में कोई भी जानकारी आसानी ने नहीं मिल पाती है. किसी भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस की लोकेशन जानने के लिए उसका आईपी एड्रेस सर्च करना पड़ता है. फिर आईपी एड्रेस और लोकेशन ट्रेस होती ही उक्त डिवाइस मिल जाती है, लेकिन कोई मेल या मैसेज भेजने के लिए यदि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है तो वह इलेक्ट्रोनिक डिवाइस के आईपी एड्रेस और लोकेशन को हाइड (छुपा ) कर देता है.