स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में खुलासा, कानपुर में कोरोना वैक्सीन से लगवाने वाले लोगों में खत्म होने लगी एंटीबॉडी

कानपुर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे खतरा बढ़ता जा रहा है।

Update: 2022-08-15 03:57 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कानपुर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे खतरा बढ़ता जा रहा है। वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में एंटीबॉडी खत्म होने लगी है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। इसके तहत 28 लाख शहरियों को तत्काल बूस्टर डोज लगाने की सिफारिश की गई है। रैंडम चेकिंग में भी शहरियों में एंटीबॉडी खत्म होने के साथ उसकी संख्या में भारी गिरावट पाई गई है।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शहर के ज्यादातर लोगों में एंटीबॉडी का ग्राफ गिर गया है। इन सभी को सेकेंड डोज लगे हुए 6 से 10 महीने हो गए हैं। दूसरी डोज लगाने के 26 हफ्ते के बाद एंटीबॉडी किसी में खत्म पाई गई तो किसी में न्यूनतम स्तर पर मिली है। रैंडम एंटीबाडी टाइटर टेस्टिंग में भी सेकेंड डोज लगा चुके लोगों में किसी में खत्म हो गईं तो किसी में 10 फीसदी रह गईं, सिर्फ 10 फीसदी में 40-50 फीसदी में कोरोना वायरस से लड़ने लायक एंटीबॉडी मिली।
सीएमओ कानपुर डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि शहर में 28 लाख लोगों को बूस्टर डोज लगना अनिवार्य हो गया है। इतने लोगों में एंटीबॉडी कम होने का आकलन सामने आया है। ऐसे में बूस्टर लग जाए तो लंबे समय तक कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।
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