कानपूर न्यूज़: लेदर फैक्टरी पर कब्जा करने के प्रयास को लेकर अल्पसंख्यक आयोग की पूर्व सदस्य समेत आठ के खिलाफ जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है. कारोबारी ने पहले जाजमऊ पुलिस से शिकायत की थी. बाद में पुलिस कमिश्नर से शिकायत की. इसके बाद रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ निवासी निहाल बिन इकबाल के अनुसार वे इकबाल लेदर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक है. उन्होंने बताया कि डिफेंस कॉलोनी में कंपनी का कार्यालय और गेस्ट हाउस है. प्लॉट की लीज डीड कंपनी के नाम पर है, जो उनके पिता स्व. इकबाल हुसैन ने कराई थी. तब वह कम्पनी के एमडी थे. आरोप है कि 15 अप्रैल को उनकी भांजी अल्पसंख्यक आयोग की पूर्व सदस्य सोफिया अहमद अपने दस अज्ञात लोगों के साथ कार्यालय पहुंची. उनके साथ वर्तमान अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रूमान सिद्दकी के पति सृष्टि अपार्टमेंट एमएम मार्ग, डालीगंज लखनऊ निवासी असद उल्लाह सिद्दकी भी थे. वह कार्यालय के गेट पर अपना बोर्ड लगाकर चली गई. फिर 17 अप्रैल को जैद बिन शमीम ने कार्यालय के गेट पर ताला डालने का प्रयास किया. पुलिस से शिकायत करने पर वह चला गया. दोबारा 19 अप्रैल को सोफिया, असद, जैद समेत पांच अज्ञात लोग कार्यालय पहुंचकर ताला डालने का प्रयास करने लगे. निहाल का आरोप है कि आरोपितों ने उन्हें धमकी दी कि उनकी पहुंच अल्पसंख्यक आयोग लखनऊ तक है. चैन से रहने नहीं देंगे.
तीन तलाक के मामले में चर्चा में आई थीं सोफिया अहमद सोफिया अहमद सबसे पहले अगस्त 2016 में चर्चा में आई थीं. उन्होंने पूर्व विधायक ननद गजाला लारी और उनके भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. उस दौरान उन्होंने गम्भीर आरोप लगाए थे. भाजपा में शामिल होने के बाद वह सन 2018 से 2021 तक अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रहीं.