बस्ती न्यूज़: मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक अस्पताल कैली में लगे वेंटीलेटर चलाने के लिए एक भी ऑपरेटर की तैनाती नहीं की गई है. शासन की ओर से ओपेक अस्पताल को लगभग 181 वेंटीलेटर आवंटित किए गए हैं. ऑपरेटर नहीं होने के कारण इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसएन प्रसाद का कहना है कि यहां पर ऑपरेटर का पद ही नहीं है. केवल कोविड काल में एनएचएम के तहत सीमित समय के लिए ऑपरेटर रखकर वेंटीलेटर चलवाया गया था. प्रशिक्षित चिकित्सक अपने स्तर से वेंटीलेटर का प्रयोग कर सकते हैं.
ओपेक अस्पताल कैली को मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद यहां पर लगातार सुविधाएं बढ़ने की उम्मीद बढ़ गई थी. कोविड काल में कैली को कोविड का लेवल-टू अस्पताल बनाकर यहां पर वेंटीलेटर आदि की सुविधा मुहैया कराई गई. शासन स्तर से 181 वेंटीलेटर का आवंटन भी किया गया. कैली में ट्रामा सेंटर बनने के बाद यहां पर ह्दय रोग, गंभीर रूप से घायलों के इलाज होने की बात कॉलेज प्रशासन की ओर से की जा रही थी. तमाम संसाधन होने के बाद भी गम्भीर मरीजों का इलाज यहां नहीं करके रेफर कर दिया जा रहा है. हालत यह है कि जिला अस्पताल से मरीज को मेडिकल कॉलेज भेजने की बजाए सीधे गोरखपुर या लखनऊ रेफर कर दिया जा रहा है. इसकी मुख्य वजह वेंटीलेटर सुविधा नहीं होना है. ट्रामा सेंटर में वेंटीलेटर का इस्तेमाल केवल मरीज का बीपी देखने के लिए किया जा रहा है. एक भी वेंटीलेटर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
वर्तमान में वार्ड में लगा ताला मशीन को ढककर रखा गया:
कोविड मरीजों के लिए रिजर्व किए गए एचडीयू वार्ड में 50 वेंटीलेटर लगाए गए हैं. इस वार्ड में वर्तमान में ताला जड़ा हुआ है. वेंटीलेटर मशीनों को ढककर रख दिया गया है. काफी बचे हुए वेंटीलेटर को पुराना भवन के चिल्ड्रेन वार्ड के कमरा नंबर छह और सात में भर दिया गया है. जानकारों का कहना है कि अगर वेंटीलेटर का यही हाल रहा तो लाखों रुपये के यह वेंटीलेटर कबाड़ में तब्दील हो जाएंगे.