संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की प्रशासनिक कमान आईएएस को सौंपने की संस्तुति
वाराणसी न्यूज़: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की दशा सुधारने के लिए शासनस्तर से जल्द ही बड़े कदम उठाए जा सकते हैं. इसका संकेत उस रिपोर्ट से मिल रहा है जिसे आला अफसरों ने तैयार किया है. रिपोर्ट राज्य शासन के साथ केन्द्र सरकार को भी भेजी गई है. उन अफसरों ने हाल के दिनों में विश्वविद्यालय परिसर का मुआयना किया था. रिपोर्ट में विश्वविद्यालय की प्रशासनिक कमान कम से कम तीन वर्षों के लिए किसी आईएएस अफसर को सौंपने की संस्तुति की गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विश्वविद्यालय की व्यवस्थाएं ठीक हो जाएं तो भारत को विश्वगुरु बनाने में यह अहम कड़ी साबित हो सकता है.
प्रदेश के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) सहित कई विभागों के आला अधिकारी हाल में विश्वविद्यालय का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने अपनी निरीक्षण आख्या में विवि में फैली दुर्व्यवस्था पर चिंता जताई है. इस हाल को सुधारने के लिए तीन साल की कार्ययोजना बनाने और उसका क्रियान्वयन मंडल के वरिष्ठतम अधिकारी यानी मंडलायुक्त से कराने का सुझाव दिया गया है. प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने के लिए नगर आयुक्त स्तर के एक आईएएस अधिकारी को यहां तीन साल तक कुलसचिव नियुक्त करने की भी सिफारिश की गई है.
देश के अलग-अलग हिस्सों से हों भर्तियां रिपोर्ट में विश्वविद्यालय में शिक्षक और कर्मचारी पदों पर रिक्तियों पर चिंता जताई गई है. यूपी, बिहार व आसपास के मूल निवासी 36 शिक्षकों और अधिकारियों के उल्लेख के साथ रिपोर्ट में देशभर से विद्वानों की नियुक्ति की सिफारिश हुई है.
धानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मार्च को बनारस आए थे. संस्कृत विवि के मैदान पर आयोजित सभा को संबोधित करने के बाद वह अचानक विश्वविद्यालय परिसर के भ्रमण पर निकल पड़े थे. तभी से विवि में तरह-तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था. एक चर्चा तभी थी कि अब विश्वविद्यालय का कायाकल्प हो सकता है. गत पांच अप्रैल को अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा और छह अप्रैल को प्रदेश के मुख्य सचिव के विश्वविद्यालय में मैराथन निरीक्षण से चर्चा को बल मिला भी. उच्च शिक्षा और संस्कृति विभाग के सचिव भी ऑनलाइन बैठक में विश्वविद्यालय की व्यवस्था की समीक्षा कर चुके हैं.
अहम सिफारिशें:
● नगर आयुक्त स्तर के अधिकारी को बनाया जाए कुलसचिव
● कमिश्नर की देखरेख में हो तीन वर्षीय कार्ययोजना का क्रियान्वयन
● मुख्य भवन और पुरातत्व विभाग को संग्रहालय बना दिया जाए
● आय बढ़ाने को शताब्दी भवन को बनाया जाए अतिथि गृह
● सरस्वती भवन पुस्तकालय का हो डिजिटाइजेशन