अयोध्या में अब मकर संक्रांति 2024 तक भव्य गर्भगृह में विराजेंगे रामलला
राममंदिर निर्माण जोरों पर चल रहा है।
राममंदिर निर्माण जोरों पर चल रहा है। नींव के तीसरे चरण के तहत मंदिर के चबूतरे का निर्माण प्रगति पर है। जुलाई माह से गर्भगृह भी आकार लेने लगेगा। मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक भी सोमवार को शुरू हो गई है। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र मंदिर निर्माण की समीक्षा करने पहुंचे हैं। उधर भक्तों के लिए भव्य गर्भगृह में रामलला के दर्शन का इंतजार थोड़ा बढ़ गया है। अब मकर संक्रांति 2024 तक भक्तों को भव्य गर्भगृह में रामलला का दर्शन प्राप्त होगा। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दिसंबर 2023 के अंत तक रामलला को गर्भगृह में विराजित करने की तैयारी थी, लेकिन दिसंबर के अंत में खरमास के चलते ट्रस्ट ने राममंदिर के उद्घाटन की समय सीमा बढ़ा दी है।
राममंदिर निर्माण में शुभ तिथियों व मुहूर्त सहित वास्तु शास्त्र का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। राममंदिर के भूमिपूजन से लेकर नींव खोदाई, नींव निर्माण, रॉफ्ट निर्माण व चबूतरा निर्माण शुरू करने से पहले ट्रस्ट द्वारा विधिविधान पूर्वक पूजन-अर्चन कराया गया उसके बाद काम शुरू हुआ। वहीं राममंदिर का भूमिपूजन भी पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों शुभ अभिजीत मुहूर्त में हुआ था।
मंदिर में वास्तुशास्त्र का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए देश के चुनिंदा वास्तु शास्त्रियों की एक टीम भी बनाई गई है। जो समय-समय पर ट्रस्ट को वास्तुशास्त्र से संबंधित सुझाव देते रहते हैं। शुभ मुहूर्त व तिथि के अभाव में ही अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भव्य गर्भगृह में रामलला को विराजित करने की समय-सीमा बढ़ा दी है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि मैंने पहले कहा था कि राममंदिर का उद्घाटन दिसंबर 2023 के अंत में हो जाएगा, लेकिन इसकी तारीख पर अंतिम मुहर नहीं लग पा रही है। दिसंबर के अंत में चूंकि सूर्य दक्षिणायन रहेंगे। खरमास लगा रहेगा, इसलिए खरमास में राममंदिर का उद्घाटन उचित नहीं होगा। इसलिए हमें सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करना पड़ेगा। सूर्य मकर संक्रांति से उत्तरायण होंगे। ऐसे में मकर संक्रांति 2024 को रामलला को गर्भगृह में विराजित कर भक्तों को दर्शन सुलभ कराने की अब तैयारी हो रही है।