स्मार्ट सिटी मिशन में अधूरे हैं प्रोजेक्ट

Update: 2023-07-02 05:24 GMT

बरेली न्यूज़: स्मार्ट सिटी मिशन अपनी 8वीं वर्षगांठ मना रहा है. बरेली स्मार्ट सिटी के छह साल पूरे हो गए हैं, लेकिन शहर की स्मार्टनेस नहीं बढ़ सकी. आलम यह हुआ कि स्मार्ट सिटी के नाम पर दावे-वादों के साथ करोड़ों के प्रोजेक्ट बनाए गए, लेकिन जो धरातल पर प्रोजेक्ट उतरे वो आज भी पूरी तरह से चालू नहीं हुए हैं. ये प्रोजेक्ट पूरे होते तो शायद शहर में विकास को और गति मिलती. हालांकि अफसरों का दावा है कि काम जल्द पूरे कर लिए जाएंगे

स्मार्ट सिटी मिशन में बरेली 2018 को चौथे राउंड में चयनित हुआ था. शुरूआत में मिशन के तहत शहर के कायाकल्प के लिए 1902 करोड़ का बजट तय हुआ. इसके बाद 997 करोड़ रुपये की लागत से 63 प्रोजेक्ट पर काम करने की योजना बनाई गई. योजना की शुरुआत में अफसरों की तनातनी के चलते हालात हुए कि तीन साल में प्रोजेक्टों पर काम होता रहा, मगर शेष दो साल में प्रोजेक्ट धरातल पर उतरे. केंद्र ने जब राज्य सरकार को बजट जारी न करने की हिदायत दी तो शासन ने नाराजगी जाहिर की, तो 2021 से कामों में तेजी लाई गई.

नहीं पहुंचे कर्मी, ताला बंदी का फैसला टला

बरेली कॉलेज के अस्थाई कर्मचारियों के बीच कॉलेज में तालाबंदी को लेकर एक राय होती नजर नहीं आ रही है. कर्मचारी कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा और सचिव हरीश मौर्या ने तालाबंदी का निर्णय लेने के लिए आम सभा बुलाई थी. गिनती के कर्मचारी भी नहीं पहुंचे. तालाबंदी पर निर्णय नहीं लिया जा सका. जितेंद्र व हरीश ने भी आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया. जितेंद्र ने कहा कि हम कॉलेज प्रबंध समिति की बातें मानने को तैयार हैं मगर उन्हें भी हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना होगा. अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा ने अब प्रशासन से गुहार लगाई है.

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