मेरठ: परीक्षितगढ़ में दो युवकों को कुचलने के मामले में फरार चल रहे 25 हजार के इनामी भाजपा नेता प्रिंस चौधरी ने पुलिस को चकमा देकर नाटकीय ढंग से एक रिक्शा चालक के साथ मारपीट करने के पुराने मामले में बिजनौर के नगीना मुंसफी में सरेंडर कर दिया। न्यायालय ने प्रिंस को जेल भेज दिया है। प्रिंस के कोर्ट में नाटकीय ढंग से सरेंडर करने से पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। आठ फरवरी को पुलिस ने प्रिंस चौधरी के घर पहुंचकर मुनादी भी कराई थी।
थाना स्योहारा के ग्राम बुढ़नपुर निवासी भाजपा नेता प्रिंस चौधरी पुत्र सहदेव ने 30 जनवरी को मेरठ जनपद के थाना परीक्षितगढ़ के ग्राम खजूरी में दो युवकों गौरव त्यागी व वंश कुमार को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था। इस घटना में दोनों युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। इस मामले में प्रिंस चौधरी व एक अन्य के विरुद्ध थाना परीक्षितगढ़ थाने में केस दर्ज किया गया था। मेरठ पुलिस प्रिंस चौधरी की काफी सरगर्मी के साथ तलाश कर रही थी।
पुलिस ने उसपर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था और आठ फरवरी को उसके घर आकर मुनादी भी कराई थी। प्रिंस चौधरी के भाजपा से जुड़ा होने के कारण इस मामले में भाजपा की काफी किरकिरी हो रही थी। पुलिस लगातार प्रिंस की गिरफ्तारी को दबाव बना रही थी। बताया जाता है कि शुक्रवार को प्रिंस चौधरी ने बड़े ही नाटकीय ढंग से खुद को पुलिस की गिरफ्तार से बचाते हुए एक पुराने मामले में नगीना मुंसफी में सरेंडर कर दिया।
सोची समझी योजना के तहत कोई जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नहीं किए जाने के चलते न्यायिक अभिरक्षा में उसे जिला कारागार भेज दिया गया। प्रिंस चौधरी के सरेंडर किए जाने से पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। बताया जाता है कि नगीना देहात के ग्राम त्रिलोकावाला निवासी मेघराज पुत्र गुलाब सिंह ने प्रिंस चौधरी से 19 जनवरी 2016 में छह हजार रुपए ब्याज पर लिए थे।
मेघराज ने 11500 रुपए भी जमा कर दिए थे। आरोप है कि प्रिंस चौधरी ज्यादा पैसे वसूलना चाहता था। इसी के चलते 27 दिसम्बर 2021 को प्रिंस चौधरी ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके घर में घुसकर मारपीट की थी और उसकी रिक्शा भी तोड़ दी थी। इस मामले में पीड़ित की ओर से प्रिंस चौधरी व उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।