Prayagraj: महाकुंभ में भगदड़ में लापता हुए अपनों की तलाश में रो पड़े परिजन

Update: 2025-01-29 05:14 GMT
Prayagraj प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़ ने कई परिवारों की जिंदगी को झकझोर कर रख दिया। इस भगदड़ में 50 से 60 लोग दब गए और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना में कई श्रद्धालु लापता हो गए, और उनके परिजन उनकी तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। घटना के समय वहां मौजूद लोग दहशत में थे और लोगों ने बताया कि अचानक इतनी भीड़ बढ़ गई कि लोगों को संभालना मुश्किल हो गया, जिससे भगदड़ मच गई।
कोलकाता से महाकुंभ में स्नान करने आई एक महिला ने अपनी आंखों देखी कहानी साझा की। महिला ने बताया कि वह अपने चार साथियों के साथ स्नान करने आई थी, लेकिन अचानक मची भगदड़ में वे सभी बिछड़ गए और अब उसे बताया गया कि उनके साथ आए सभी लोग अब मर चुके हैं। महिला का कहना है कि भगदड़ के दौरान वह भीड़ में दब गई और जैसे-जैसे लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए, स्थिति और खराब होती गई। महिला ने रोते हुए बताया कि अब वह अकेली रह गई है और उसे अपने खोए हुए लोगों का कोई सुराग नहीं मिल रहा है।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह अपने माता-पिता और बच्चों के साथ महाकुंभ स्नान करने आया था। भीड़ बढ़ते ही भगदड़ मच गई और उसके माता-पिता और बच्चे भी दब गए। उसने बताया कि पहले तो वह किसी तरह भीड़ से बाहर निकला और फिर एक-एक कर अपने बच्चों और पिता को बाहर निकाला, लेकिन उसकी मां काफी नीचे दबी हुई थी। बाद में उसने अपनी मां को भी बाहर निकाला, लेकिन उसकी हालत काफी खराब थी। इस व्यक्ति ने बताया कि अचानक इतनी भीड़ बढ़ गई और एक-दूसरे पर चढ़ने से भगदड़ मच गई, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। उसने बताया कि इस भगदड़ में 50 से 60 लोग दब गए और कई लोगों की मौत हो गई।
चित्रकूट से आए श्रद्धालु इंद्रपाल ने बताया कि वह अपने बहनोई चंद्रपाल के साथ महाकुंभ स्नान के लिए आया था। प्रशासन ने उन्हें संगम तट पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया और फिर धक्का-मुक्की शुरू हो गई। देखते ही देखते भगदड़ मच गई और वह अपने बहनोई से अलग हो गया। इंद्रपाल ने बताया कि जब वह वापस मौके पर पहुंचे तो वहां लाशें पड़ी थीं, कपड़े और बैग बिखरे पड़े थे, लेकिन उनके साले का कोई सुराग नहीं मिला। वह उन्हें तलाशने के लिए अस्पताल और शवगृह गए, लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इंद्रपाल का कहना है कि वह अब बहुत परेशान हैं और प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
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