रामायण विवि की स्थापना के लिए भूमि पूजन की तैयारी

Update: 2023-06-13 12:45 GMT

फैजाबाद न्यूज़: रामनगरी में रामायण विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने की तैयारियां तेज हो गयी है. इस जून माह के अंत में भूमि पूजन कराया जाएगा. इसके लिए गोरखपुर - लखनऊ हाइवे पर चिह्नित भूमि का समतलीकरण कराया जा रहा है. बताया गया कि इस विश्वविद्यालय में रामायण के शोध पर विशेष जोर दिया जाएगा और उसी सम्बन्धित विभाग भी खोले जाएंगे. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में हिंदी और संस्कृत भाषा को प्रमुख स्थान दिया जाएगा. यहां छात्रों को वेद - वेदांग, रामायण, उपनिषद, योग, ध्यान और आयुर्वेद इत्यादि का शिक्षण व शोध होगा.

उत्तर प्रदेश सरकार ने रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. इसके साथ ही इसी अप्रैल माह के शुरूआत में ही विश्वविद्यालय को मान्यता प्रदान कर दी है. नियमानुसार विश्वविद्यालय स्थापना के लिए न्यूनतम 20 एकड़ भूमि की जरूरत है. महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ की ओर से अयोध्या में हाइवे के किनारे करीब 21 एकड़ भूमि का प्रस्ताव किया था. इसी भूमि पर समतलीकरण कार्य हो रहा है. महर्षि ट्रस्ट के न्यासी एवं विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े प्रो.अखंड प्रताप का कहना है कि इसकी

स्थापना के पीछे का उद्देश्य ज्ञान के प्राचीन व पारंपरिक खजाने का संरक्षण और विकास करना है. इसके साथ. युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से परिचित करना है.

24 भाषाओं में रामायण के साथ शोध सामग्रियों के लिए बनेगा ग्रंथागार बताया गया कि इस विश्वविद्यालय में व्यापक ग्रंथागार का भी निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है जिसमें 24 भाषाओं में रचित रामायण एवं उनके शोध से सम्बन्धित सामग्रियां एवं पांडुलिपियां भी शोधार्थी छात्रों के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी. भावातीत ध्यान के उद्घाटक महर्षि महेश योगी नेनब्बे के दशक में रामायण विश्वविद्यालय की संकल्पना की थी लेकिन उनके इस सपने को पूरा होने में तीन दशक से अधिक का समय लग गया.

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