Prayagraj: 18 लाख रुपये की साइबर ठगी में नाइजीरियन को सजा
"अभियुक्त आंगस स्टैनले को साइबर पुलिस 2022 में ही गिरफ्तार की थी"
इलाहाबाद: तीन साल पहले फेसबुक पर फर्जी तरीके से महिला मित्र बनकर प्रयागराज के सत्यम सर्वेश त्रिपाठी के साथ 18 लाख रुपये की ठगी करने के अभियुक्त नाइजीरिया के आंगस स्टैनले को सात साल की सश्रम कारावास की सजा मिली. साइबर थाना की पुलिस की पैरवी व साक्ष्य के आधार पर एडीजे कक्ष संख्या 22 न्यायालय ने सजा सुनाई. अभियुक्त आंगस स्टैनले को साइबर पुलिस 2022 में ही गिरफ्तार की थी. तब से वह केंद्रीय कारागार नैनी में बंद है.
साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि नाइजीरिया का आंगस स्टैनले पुत्र आंगस उसवाबु भारत में नई दिल्ली के जवाहर पार्क थाना नेब सराय में रहता था. उसने अपनी महिला मित्र के साथ मिलकर फेसबुक पर महिला के नाम पर फर्जी आईडी बनाई थी. फेसबुक पर ही प्रयागराज के सत्यम सर्वेश त्रिपाठी के साथ दोस्ती की. इसके बाद नाइजीरिया से भारत मिलने की आने की बात कही. वर्ष 2022 में नई दिल्ली हवाई अड्डा पर कस्टम विभाग की ओर से पकड़े जाने की सत्यम को मोबाइल से जानकारी दी. नकली कस्टम आफिसर ने 18 लाख रुपये देने पर छोड़ने की बात कहकर ठगी की. सत्यम की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर साइबर पुलिस ने 2022 में ही नई दिल्ली में दबिश देकर आंगस स्टैनले को गिरफ्तार किया था.
एडीजी न्यायालय की ओर से धारा 420 के तहत साढ़े तीन साल सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा-66(सी) आईटी एक्ट में दो वर्ष का सश्रम कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड और धारा-14(ए) विदेश अधिनियम के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया. साथ ही अर्थदंड नहीं देने पर छह-छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
स्मृति सभा में रवि किरन जैन का भावपूर्ण स्मरण
हाईकोर्ट के वकीलों ने मानवाधिकार योद्धा, पीयूसीएल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, संवैधानिक मूल्यों के लिए आजीवन समर्पित, प्रखर और निर्भीक चिंतक वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरन जैन का स्मृति सभा में भावपूर्ण स्मरण किया.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हॉल में वरिष्ठ अधिवक्ता वज़ाहत हुसैन की अध्यक्षता आयोजित में स्मृति सभा की शुरुआत दिवंगत वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरन जैन के छायाचित्र पर माल्यार्पण से हुई. वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अहमद नकवी ने रवि किरन जैन के मानवाधिकारों के प्रति योगदान और उनके संवैधानिक मूल्यों के प्रति आजीवन निष्ठा और समर्पण का जिक्र किया. अधिवक्ता केके राय, वरिष्ठ अधिवक्ता व एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार, अधिवक्ता राकेश प्रसाद, वरिष्ठ अधिवक्ता पीके जैन, एचजी हसनैन, दीपाली गुप्ता, एनआई जाफरी, टीपी सिंह, दयाशंकर मिश्र ने भी विचार रखे. अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता ने संदेश भेजकर उनके संवैधानिक मूल्यों और मानवाधिकारों के प्रति योगदान को याद किया.