Pratapgarh: मेडिसिन विभाग की ओपीडी में बुखार के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही
"लापरवाही के कारण पीछा नहीं छोड़ रहा बुखार"
प्रतापगढ़: मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय स्थित मेडिसिन विभाग की ओपीडी में बुखार के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है. इसके पीछे डॉक्टर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) और ठंड से बचाव में छोटी-छोटी लापरवाहियों को जिम्मेदार बता रहे हैं. ओपीडी में आ रहे मरीजों को परिवार के दूसरे सदस्यों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सफाई पर अधिक जोर देने की बात समझा रहे हैं.
मेडिसिन विभाग की ओपीडी में दोपहर डॉ. मनोज खत्री मरीजों को देख रहे थे. इस दौरान दिलीपपुर इलाके से आए मरीज शिव बहादुर ने बताया कि करीब पंद्रह दिन तक उनके परिवार के तीन सदस्य सर्दी व बुखार से पीड़ित थे, लेकिन उस समय शिव बहादुर स्वस्थ रहे. अब परिवार के तीनों लोग स्वस्थ हो गए तो से उनको बुखार आने लगा. डॉक्टर ने पूछा कि ठंड में लापरवाही तो नहीं की. इस पर शिव बहादुर ने बताया कि शाम को वह सब्जी लेकर घर आ रहा था तो मात्र दो किलोमीटर की दूरी होने के चलते आलस्यवश बाइक की डिक्की से मफलर नहीं निकाला था. बाइक धीमी गति से चलाया था फिर भी कान और सिर ठंडा हो गया था. डॉक्टर ने तंज कसते हुए कहा जब तक ऐसी लापरवाहियां करते रहोगे तब तक वायरस को फैलने के लिए आसान शिकार मिलता रहेगा. की ओपीडी में उनके पास 162 मरीज आए. जिसमें से 83 मरीज सिर्फ बुखारवाले थे.
बचाव के उपाय:
● बार-बार साबुन से हाथ धोना.
● भीड़ से दूर रहना.
● चेहरा, मुंह और नाक को न छूना.
● उबासी, खांसने या छींकने पर मुंह रुमाल से ढकना.
● इम्युनिटी बढ़ाने वाले पौष्टिक आहार लेना.
मौसम में बदलाव के साथ बुखार के मरीज बढ़े तो उनकी संख्या अब तक कम नहीं हुई. अधिकांश मरीजों में इसके पीछे ठंड से बचाव और खानपान में लापरवाही तथा कमजोर इम्युनिटी पता चल रही है. इसलिए मरीजों को सफाई व एहतियात के साथ पूर्व निर्धारित समय पर दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जा रही है. -डॉ. मनोज खत्री, वरिष्ठ फिजीशिएन