Pratapgarh: पिंक शौचालय मुद्दा बनकर रह गया
निर्माण शुरू होने की बारी आई तो जमीन का पेच फंस गया
प्रतापगढ़: कस्बे में बनने वाला पिंक शौचालय पिछले चार साल से रुका है. तीन बार जमीन चिन्हित हुई. निर्माण शुरू होने की बारी आई तो जमीन का पेच फंस गया. इससे चार साल में तीन बार जमीन चिन्हित होने के बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो सका. अब तक पिंक शौचालय का निर्माण केवल फाइल में बंद है.
लालगंज कस्बे में पिंक शौचालय के निर्माण के लिए सरकार से चार साल पहले ही धनराशि अवमुक्त हो गई थी. सरकार की महत्वपूर्ण योजना पिंक शौचालय के लिए नगर पंचायत ने जमीन चिन्हित की. लेकिन निर्माण शुरू होने से पहले ही जमीन वन विभाग ने अपनी जमीन बताकर निर्माण रोक लिया. कुछ दिन मामला टला रहा. इसके बाद फिर जमीन चिन्हित हुई तो निर्माण से पहले पुलिस विभाग ने अपनी जमीन बताकर निर्माण रोक दिया. तीसरी बार मॉडल प्राथमिक विद्यालय जमीन चिन्हित हुई तो वन विभाग की जमीन होने की वजह से निर्माण नहीं हो सका. इस तरह चार साल में तीन बार जमीन चिहिन्त होकर भी निर्माण शुरू नहीं हो सका. इस तरह जमीन के अभाव में लाखों की लागत से बनने वाले पिंक शौचालय का निर्माण आज तक अटका है.
पिंक शौचालय के निर्माण केलिए जमीन चिन्हित हो गई है. टेंडर भी हो गया है. राजस्व टीम की मौजूदगी में पैमाइश होने के बाद निर्माण शुरू कराया जाएगा. -अभय रंजन, ईओ, नगर पंचायत लालगंज
बच्चों ने विश्वविद्यालय के विभागों को जाना: खंड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में एक्स्पोज़र विजिट के अंतर्गत विकास खंड आसपुर देवसरा के बच्चे पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर पहुंचे. यहां उन्हें पर्यावरण विभाग, माइक्रो बायोलॉजी विभाग, मृदा परीक्षण विभाग जंतु, फार्मेसी विभाग, इंजीनियरिंग विभाग और आचार्य नरेंद्र देव कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा की जानकारी दी गई. इस अवसर पर पर्यावरण के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय और माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. श्वेता सिंह, वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मारुति प्रसाद, फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नृपेन्द्र सिंह, भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार यादव का विशेष सहयोग रहा. बच्चों के साथ सहयोग करने वालों में विनोद कुमार एआरपी विज्ञान, डॉ. मनीष कुमार सिंह, शिव प्रसाद वर्मा, प्रकाश नारायण चौरसिया एआरपी, आनंद कुमार सिंह आदि मौजूद रहे.