Pratapgarh: फायर ऑडिट में मेडिकल कॉलेज के नों अस्पताल फेल

उपकरण आग बुझाने के लिए तैयार ही नहीं हैं.

Update: 2024-06-15 09:28 GMT

उत्तरप्रदेश: Medical College के महिला और पुरुष नों अस्पताल नए बने हैं. उनमें लाखों रुपये के फायर सेफ्टी उपकरण लगाए गए हैं. लेकिन जब फायर ब्रिगेड की टीम ने चेक किया तो पता चला कि वे उपकरण आग बुझाने के लिए तैयार ही नहीं हैं. फायर बिग्रेड की टीम ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को उक्त कमियों को तुरंत दुरुस्त कराना बहुत ही आवश्यक बताया है.

महिला अस्पताल में Fire Alarm, Smoke Detector सहित फायर सुरक्षा से जुड़े सभी उपकरण लगाए गए हैं. छत पर सीमेंट से पानी की टंकी भी बनी है, लेकिन इस टंकी का हौजरील में कनेक्शन नहीं दिया गया. इससे हौजरील में पानी नहीं आ रहा है. इसी तरफ ग्राउंड फ्लोर पर फायर हाइड्रेंट लगाए गए हैं.

अस्पताल की बिल्डिंग के बाहर बने फायर हाईड्रेंट में पानी पहुंच रहा है लेकिन भीतर लगे फायर हाइड्रेंट में पानी का कनेक्शन नहीं है. हौजरील तक जाने के रास्ते में डस्टबिन व कूड़ा कचरा भरा है. इससे आग लगने पर हौजरील तक पहुंच पाना ही मुश्किल हो जाएगा. फायर अलार्म धुएं का पता लगाने वाले स्मोक डिटेक्टर भी काम नहीं कर रहे हैं.

फायर ब्रिग्रेड की टीम में FSSO Atul Tiwari, Arun Pandey and Satish Pal शामिल रहे.

साहब इसे चलाना कैसे है यह तो बता दीजिए.....

नों अस्पतालों में निरीक्षण के दौरान कई बार कर्मचारियों ने फायर ब्रिगेड की टीम से पूछा कि आग लगने पर इसे (फायर एस्टिंग्यूशर, हौजरील आदि उपकरण) चलाना कैसे है. जब एफएसएसओ जवाब देते कि कैसे चलाना है यही बताने के लिए मॉक ड्रिल हुआ था. तब कर्मचारी कह रहे थे कि उस दिन वह छुट्टी पर थे या कब मॉक ड्रिल हुआ उन्हें पता ही नहीं चला. इसकेबाद फायर ब्रिगेड की टीम सीएमएस कार्यालय पहुंची. वहां मौजूद डॉक्टर व कर्मचारियों को बताया कि क्या-क्या सुधार करना बहुत जरूरी है.

काम नहीं आएगा प्रिरंकलर सिस्टम!

राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय की नई बिल्डिंग में आग बुझाने के लिए आटोमैटिक सिस्टम लगाया गया है. जिसमें आग लगने पर प्रिरंकलर खुद ही पानी की बौछार करने लगते हैं. लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम ने चेक किया तो प्रिरंकलर को भी कनेक्शन नहीं दिया गया है. फायर अलार्म व स्मोक डिटेक्टर का भी यही हाल है. ऐसे में आग लगी तो लाखों रुपये के बजट से लगाए गए उक्त उपकरण आग बुझाने के काम नहीं आएंगे.

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