Pratapgarh: जिले में 97 उद्योग बिना अनुमति भूजल इस्तेमाल कर रहे

"जुर्माने की राशि दोगुनी होने के बाद भी भूजल दोहन बंद नहीं कर रहीं"

Update: 2025-02-07 07:21 GMT

प्रतापगढ़: जिले में मात्र तीन प्रतिशत औद्योगिक इकाइयों (फैक्टरी) के पास जमीन से पानी निकालने का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) है. 97 फीसदी इकाइयां बिना अनुमति भूजल का इस्तेमाल कर रही हैं. वे जुर्माने की राशि दोगुनी होने के बाद भी भूजल दोहन बंद नहीं कर रहीं.

भूगर्भ जल विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में करीब 30 हजार से अधिक बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. इनमें से मात्र 1546 ने ही अब तक बोरवेल के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के लिए आवेदन किया है, जिनमें से सिर्फ 1059 को ही एनओसी जारी की गई है. शेष आवेदन आवश्यक दस्तावेज के अभाव में निरस्त कर दिए गए. जिले में सबसे अधिक भूजल की शिकायतें निर्माणाधीन साइटों से आती हैं. पूर्व में भूजल दोहन करने पर विभाग 13 बड़े बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई भी कर चुका है.

एयरपोर्ट निर्माण के बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भी तेजी से ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और अन्य विकास परियोजनाएं विकसित हो रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में जिले में दो हजार से अधिक छोटी और बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है, लेकिन पांच प्रतिशत के पास भी जमीन से पानी निकालने की अनुमति नहीं है और ये बेधड़क जमीन से भूजल निकाल रहे हैं.

डिलीवरी ब्वॉय की मौत के मामले में कार्रवाई का भरोसा: सेक्टर अल्फा-2 में सड़क पर सूखा पेड़ गिरने से हुई डिलीवरी ब्वॉय की मौत के मामले में परिजनों ने ग्रेटर नोएडा के डीसीपी से मुलाकात की. उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वन विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और केस दर्ज करने की मांग की. डीसीपी ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिया है.

मैनपुरी के करहल का रहने वाला कुलदीप ग्रेटर नोएडा में डिलीवरी ब्वॉय की नौकरी करता था. कुलदीप एक की सुबह बाइक पर सवार होकर सेक्टर अल्फा-2 से निकल रहा था. इसी बीच एक सूखा पेड़ उसके ऊपर आ गिरा. इस घटना में कुलदीप की मौत हो गई थी. इस दौरान एक और युवक भी घयाल हुआ था. कुलदीप और घायल के परिजन ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान से मिलने पहुंचे.

कुलदीप के भाई ज्ञानेंद्र ने बताया कि घटना में प्राधिकरण के वन विभाग की लापरवाही सामने आई है. सड़क किनारे से सूखे पेड़ों को हटाया नहीं जा रहा है. प्राधिकरण की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ, इसलिए केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए. डीसीपी ने परिजनों को मामले की जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिया है.

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