प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अब दूसरा बच्चा होने पर भी मिलेगा लाभ
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मेरठ। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अब दूसरा बच्चा होने पर भी योजना का लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। प्रदेश के लिए बजट का भी प्रावधान कर दिया गया है। गाइड लाइन भी जारी कर दी गयी है, बस केवल कार्यान्वयन का इंतजार है। योजना में पहले पहला बच्चा होने पर तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते थे। अब यह लाभ दूसरा बच्चा होने पर मिलेगा, पर बालिका होने पर ही राशि देने का प्रावधान किया गया है। नोडल अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने बताया- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत अब दूसरा बच्चा होने पर भी लाभ मिलेगा। इस संबंध में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डा. राकेश गुप्ता पहले ही गाइड लाइन जारी कर चुके है, जिसके अनुसार योजना का लाभ पहले दो बच्चों को मिलेगा। पहला बच्चा होने पर पांच हजार रुपये और दूसरे बच्चा बालिका होने पर पांच हजार रुपये मिलेंगे। यानि दूसरा बच्चा बालिका होगी तो ही अतिरिक्त लाभ मिलेगा। योजना में यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि जन्म के समय लिंगानुपात में बढ़ोतरी हो और बालिका भ्रूण हत्या पर रोक लग सके। योजना के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डा. विश्वास चौधरी ने बताया- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में कुछ बदलाव किये गये हैं।
उन्होंने बताया- दूसरा बच्चा होने पर पांच हजार रुपये का लाभ तो मिलेगा, लेकिन यदि बालिका पैदा होती है तो यह लाभ प्राप्त होगा I दूसरे बच्चे के मामले में गर्भधारण करने के साथ ही रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है और कम से कम छह माह के भीतर एक प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) होना जरूरी है। दूसरी किस्त की शर्त के तहत बच्चे का जन्म पंजीकरण होना अनिवार्य है। बच्चे को प्रथम चक्र का टीकाकरण भी पूर्ण होना चाहिए। इसका लाभ लाभार्थी के आधार कार्ड नंबर के आधार पर ही मिलेगा, ताकि गलत तरीके से कोई योजना का लाभ न ले सके। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक जनवरी 2017 से लागू है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 की धारा 4 के प्रावधानों के अनुसार- योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गयी थी। इसका उद्देश्य मां और बच्चे के लिए पोषण के साथ-साथ मजदूरी के नुकसान के लिए आंशिक मुआवजे के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना है। ताकि महिला बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त आराम कर सके और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच स्वास्थ्य को लेकर व्यवहार में सुधार हो। दूसरे बच्चे के मामले में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया गया है। इसीलिए दूसरे बच्चे (बालिका) के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। नई गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया कि किसी अन्य योजना के तहत उपलब्ध अतिरिक्त प्रोत्साहन जैसे जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) का लाभ मिलता रहेगा। जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) में संस्थागत प्रसव के बाद महिला को छह हजार रुपये मिलते हैं।