पॉक्सो के आरोपी पर 24 दिन में दोष सिद्ध
थाना दिल्ली गेट क्षेत्र में नाबालिग का अपहरण कर किया था दुष्कर्म का प्रयास
अलीगढ़: अलीगढ़ में एडीजे पॉक्सो की अदालत से महज 24 दिनों में दुष्कर्म के प्रयास के एक मामले में आरोपी पर दोष सिद्ध करते हुए सजा सुनायी गई है. इस प्रकरण को मुख्यमंत्री के आदेश पर स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों ने अपनी निगरानी में मजबूत पैरवी कराकर सजा दिलाने का प्रयास किया. जिले में इतने कम दिनों में सजा दिलाने का यह पहला मामला बताया जा रहा है. दोषी को साल साल का सजा के साथ जुर्माना लगाया गया है.
विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि एडीजे पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सराय की अदालत से यह फैसला सुनाया गया है. थाना सासनीगेट क्षेत्रांतर्गत मोहल्ला जयगंज के रहने वाले व्यक्ति की बेटी 14 जुलाई की शाम को घर के बाहर खेल रही थी. उसी समय दो लोग आए और उसे बहला-फुसलाकर घुड़ियाबाग चौकी क्षेत्र में खंडहर मकान में नौ वर्षीय बालिका से दुष्कर्म का प्रयास किया गया. बच्ची की चीख सुनकर एक दुकानदार दौड़ा-दौड़ा पहुंचा. उसको देख आरोपी भाग खड़े हुए. मामले में सीओ अभय पांडेय की टीम ने दो दिन में एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सीसीटीवी खंगालने पर आरोपियों को पकड़ा गया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 20 अगस्त को आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया था. एक अगस्त को पॉक्सो की विशेष अदालत में इमशाद पर चार्ज फ्रेम किया गया.
इसके बाद दो अगस्त को पीड़िता व वादी की गवाही, चार को पीड़िता की मां व चश्मदीद की गवाही, सात अगस्त को पीड़िता के पिता, डॉक्टर व मोहल्ले के एक युवक की गवाही, नौ को विवेचक, सीसी व जिस मकान में सीसीटीवी कैमरे लगे थे, उनकी गवाही, 10 अगस्त को सीसी से जिरह, 14 अगस्त को 313 के बयान, 16 अगस्त को सफाई साक्ष्य, 18 अगस्त को बहस की प्रक्रिया पूरी हुई. अदालत ने आरोपी इमशाद को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. जिसमें उसको सात साल की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया. विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि यह फाइल शासन की ओर से चिह्वित थी. इसका एक महीने के अंदर निस्तारण करना था. इसके तहत तेजी से पैरवी की गई.
दोषी 2005 में भी कर चुका है दुष्कर्म
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि दोषी इमशाद ने वर्ष 2005 में सासनीगेट क्षेत्र में एक नौ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था. इसमें उसे सजा हो चुकी है. न्यायालय से दोषी पर सजा सुनाने के साथ 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जिसमें से 25 हजार रुपये पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मिशन शक्ति अभियान के तहत मामले में तेजी के साथ पैरवी कराई गई. समय से गवाही हुई. इसमें थाना पुलिस का भी सहयोग रहा. जिले का यह पहला मामला है, जिसमें इतने कम समय में सजा हुई.
-महेश सिंह, विशेष लोक अभियोजक.
पूर्ण मनोयोग से अल्प समय में ही अपराधी को सजा दिलवाने के लिए थाना पुलिस, अधिकारी व अभियोजन टीम बधाई के पात्र हैं. टीम की प्रशंसा की जाती है.
-कलानिधि नैथानी, एसएसपी.