हत्यारोपी कलियुगी पुत्री और प्रेमी को पुलिस ने भेजा सलाखों के पीछे

Update: 2022-11-08 09:03 GMT

बहसूमा न्यूज़: क्षेत्र के गांव रहावती निवासी कलियुगी बेटी ने अपने प्रेमी संग पिता की निर्मम हत्या कर दी थी। जिसमें पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया था। पुलिस ने पुत्री व हत्यारोपी नौकर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। थाना प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह ने बताया कि क्षेत्र के गांव रहावती में बेटी के प्यार में रोड़ा बन रहे पिता सतवंत उम्र 40 वर्ष को उसके प्रेमी नौकर आशीष कश्यप से मिलकर बेटी सिमरन ने षड्यंत्र रचते हुए पहले सिर पर वार किया फिर गले में चुन्नी डाल कर गला घोंट दिया और भूसे के कमरे में शव को बोरे में भरकर छिपा दिया था। परिजनों ने 5 नवंबर को थाना पर आकर गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया कि 30 अक्टूबर से सतवंत घर से लापता था। जब पुलिस ने उसकी तलाश करनी शुरू की तो मामला सामने आ गया। पकड़े गए हत्यारोपी नौकर आशीष कश्यप ने अपना जुर्म कबूलते हुए बताया कि सतवंत उसके प्यार में रोड़ा बन रहा था। बार-बार दोनों को अलग होने की चेतावनी दे रहा था।

जिसमें हत्यारोपी सिमरन एवं आशीष ने उसके मारने की योजना बना ली थी। 30 अक्टूबर को ही सतवंत को मारकर भूसे के कमरे में बोरे में भरकर छुपा दिया था। जब उसमें दुर्गंध पैदा होने शुरू हुई तो नौकर आशीष ने बोरे को लेकर खेत में बनी ट्यूबवेल के अंदर कमरे में शव को गड्ढा खोदकर दबा दिया। पुलिस ने जब हत्यारोपी बेटी सिमरन तथा प्रेमी नौकर आशीष को पूछताछ करने के लिए थाना लाए तो उन्होंने अपना जुर्म कबूलते हुए शव को बरामद करा दिया था। हत्यारोपी सिमरन ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि उसने वर्तमान ग्राम प्रधान को पूरे मामले की जानकारी दे दी थी, लेकिन ग्राम प्रधान ने पुलिस को घटना की जानकारी देना गवारा नहीं समझा। पुलिस ने हत्यारोपी सिमरन के ब्यान पर ग्राम प्रधान को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उनकी निशानदेही पर बैंक खाते से निकाले गई नगद धनराशि, सोने चांदी के आभूषण तथा हत्या में प्रयुक्त चुन्नी बरामद किए हैं। दोनों को जेल भेज दिया है।

मंदबुद्धि मां और छोटे भाइयों का कौन बनेगा सहारा? कलियुगी पुत्री सिमरन ने अपने प्रेमी से मिलकर पिता की हत्या तो कर तो दी है। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है। सिमरन घर में बड़ी थी और उसके भाई गुरमीत एवं मनजीत नाबालिग हैं। मां निरलीपकौर मंदबुद्धि होने के कारण जंगल की खेतीबाड़ी नहीं कर सकती है। भाइयों का सहारा कौन बनेगा?

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