वाराणसी के नकली दवा कारोबारी पर पुलिस ने लगाया एनएसए

Update: 2023-08-01 18:53 GMT

वाराणसी : नकली दवा के कारोबार मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपित अशोक कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है। पुलिस सभी 16 आरोपितों पर शिकंजा कसने की दिशा में आगे बढ़ रही है। छानबीन में यह भी उजागर हुआ कि नकली दवा का कारोबार हवाला की तरह किया जा रहा था। एक आरोपित और नकली दवा की कंपनी चलाने वाली हिमाचल बद्दी की रजनी भार्गव कोरियर के जरिए ही रुपये मंगाती थी। सिगरा पुलिस हैदराबाद के लक्ष्मण और पूर्णिया बिहार के अशरफ को अब भी नहीं खोज पाई है। एसटीएफ और सिगरा पुलिस ने सिकंदराबाद-बुलंदशहर की टीचर्स कालोनी निवासी अशोक कुमार को बीते मार्च में वाराणसी के तेलियाबाग की चर्च कालोनी से गिरफ्तार किया था। उसके पास से 40 लाख रुपये और 109 कार्टून में रखी नकली दवाएं बरामद हुई थीं। उससे पूछताछ और छानबीन में 16 लोगों के नाम सामने आए थे। सिगरा पुलिस सभी के खिलाफ केस दर्ज कर पड़ताल में जुटी तो पता चला कि पूरे देश में नकली दवाएं वाराणसी से भेजी जाती है। अशोक ने बताया कि वह पहले मजदूरी करता था। दवाएं पहुंचाने के दौरान अशोक की मुलाकात हिमाचल की रजनी भार्गव से हुई, जो नकली दवा की कंपनी चलाती थी। सिगरा पुलिस पहुंची तो उसकी दवा बनाने की कंपनी को सील कर दिया। एडीसीपी काशी जोन चंद्रकांत मीणा ने बताया कि नकली दवाओं के कारोबार को मौत का व्यापार ही कह सकते हैं। केस की जांच श्रीप्रकाश सिंह कर रहे हैं, जिसमें मेरे द्वारा नियमित प्रगति देखी जाती है। अशोक के बाद कई अन्य पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। जांच अधिकारी श्रीप्रकाश ने बताया कि रजनी बहुत सतर्कता से काम करती थी। वह रुपये कोरियर के जरिए ही मंगाती थी। गहराई से जांच में एक-दो मामलों में ही मोबाइल से रुपये लेने की बात सामने आई, जिसके लिए विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ी।

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