विधायकों की खरीद-फरोख्त मामला: एसआईटी ने वाईएसआरसीपी के बागी सांसद को भेजा नोटिस
हैदराबाद। विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में एक नया मोड़ आया है, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के बागी सांसद के. रघुराम कृष्ण राजू को नोटिस दिया है। सनसनीखेज मामले की जांच कर रही एसआईटी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया है।
सांसद को 29 नवंबर को हैदराबाद में एसआईटी अधिकारियों के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। जांच दल राजू से मामले से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करना चाहता है।
सांसद ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इसे कानून की अदालत में चुनौती देंगे, उन्होंने कहा, 'अगर नोटिस आता है, तो मैं अगली कार्रवाई को लेकर फैसला करूंगा।'
वह सातवें व्यक्ति हैं, जिन्हें एसआईटी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले चार लोगों को नोटिस दिया गया था, लेकिन उनमें से सिर्फ एक पेश हुआ। करीमनगर के वकील भुसारापु श्रीनिवास सोमवार और मंगलवार को एसआईटी के सामने पेश हुए।
भाजपा महासचिव बी. एल. संतोष, भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) के अध्यक्ष तुषार वेल्लापल्ली और केरल के एक डॉक्टर जग्गू स्वामी को अभी एसआईटी के सामने पेश होना है।
एसआईटी ने केरल में भाजपा के सहयोगी तुषार और जग्गू स्वामी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है। उन्हें देश से बाहर जाने से रोकने के लिए सर्कुलर भी जारी किया गया था। एसआईटी ने तेलंगाना हाईकोर्ट को सूचित किया है कि संतोष जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
बुधवार को हाईकोर्ट ने एसआईटी से संतोष को नए सिरे से नोटिस देने को कहा। जांच टीम को मेल और वॉट्सएप के जरिए नोटिस भेजने को कहा गया था। हालांकि, कोर्ट ने संतोष की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 19 नवंबर को संतोष को जारी नोटिस पर रोक लगाने के भाजपा राज्य इकाई के अनुरोध को ठुकरा दिया था। संतोष का नाम पिछले महीने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन कथित भाजपा एजेंटों के बीच हुई बातचीत में सामने आया था, जब वे टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम का लालच देकर भाजपा के पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे।
रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, सिंहयाजी और नंद कुमार को साइबराबाद पुलिस ने 26 अक्टूबर की रात को हैदराबाद के पास मोइनाबाद के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया था, जब वे टीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम का लालच देने की कोशिश कर रहे थे।
साइबराबाद पुलिस ने एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर छापा मारा। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।