मेरठ। शहर में जीविका चलाने को कुछ लोग खुदकी एवं दूसरों की जान की परवाह किये बिना हादसों वाली जगहों पर कारोबार कर रहे हैं। इसे मजबूरी कहें या फिर लापरवाही की हद सबकुछ जानते हुए भी अंजान की तरह से ही विद्युत ट्रांसफार्मरों के बराबर में ही कपडे की दुकान, कबाड़ी का कारोबार एवं गैस चूल्हे से चलने वाला चाय के खोखे भी रखे हुए हैं। जबकि ट्रांसफार्मर में कभी भी फाल्ट हो जाता है। ट्रांसफार्मर के अंदर जो ज्वलनशील तेल भरा होता है,
वह गैस सिलेंडर के लीकेज होने पर आग पकड़ सकता है। जबकि ट्रांसफार्मर से उठी चिंगारी से कपड़े व कबाड़ी की दुकान में रखे गत्ते के ढेर व कबाड़ में आग लग सकती है। जिसमें उसके आसपास कारोबार कर जीविका चलाने वालों की जान पर तो बन ही सकती है। वहीं जो हादसे के समय सामान आदि की खरीदारी कर रहे होंगे उनकी जान पर भी आफत बन सकती है।
शहर में जहां एक तरफ सड़क एवं नाली व नालों पर अतिक्रमण करके कुछ लोगों के द्वारा पक्का निर्माण करके दुकानों का संचालन किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कुछ के द्वारा झुग्गी-झोपड़ी डालकर अतिक्रमण करके ऐसी जगहों पर कारोबार शुरू कर दिया है। जिसमें ऐसी जगहों पर तो केवल नगर निगम या यातायात पुलिस के अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई करके जुर्माना वसूली तक की कार्रवाई का मानों लोगों में डर बना रहता है।
लेकिन उससे उलट कुछ लोगों के द्वारा तो इससे भी कई कदम आगे बढ़कर कुछ ऐसी जगहों पर लापरवाही दिखाते हुए जीविका चलाने को कारोबार शुरू किया है। जिसमें ऐसी जगहों पर उनकी खुदकी व दूसरों की जान जोखिम का खतरा बना रहता है। जिसमें सड़क किनारे जो विद्युत ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं, जिनमें आए दिन तेज धमाके के साथ फाल्ट होते रहते हैं, जिसमें उसके आसपास रहने वाले लोगों में चिंगारी के उठकर उनके आसपास आग से तांडव न मचा दे उसका डर रहता है। लेकिन कुछ लोगों के द्वारा इसे मजबूरी कहें
या फिर लापरवाही की हद जिसको पार करके विद्युत ट्रांसफार्मरों के निकट ही खोखे आदि लगाकर और ट्रांसफार्मर की रेलिंग पर ही सामान आदि रखकर अतिक्रमण करके कारोबार शुरू कर दिया है। जिसमें ट्रांसफार्मरों के चारों तरफ जो रेलिंग लगी हुई है, उसमें करंट उतरने का खतरा बना रहता है। जिसमें यदि रेलिंग पर टंगे कपडेÞ आदि के सामान को उतारते समय करंट भी लग सकता है। साथ ही यदि चिंगारी उठ जाए तो आसपास में आग लगने का डर भी बना रहता है। कुछ लोग तो ऐसी जगहों से दूरी बनाकर चलते हैं, कहीं वह इस तरह के हादसों की चपेट में न आ जाये।
लेकिन कुछ लोग जानबूझकर अपनी एवं दूसरों की जान को जोखिम में डालकर इस तरह का कारोबार कर रहे हैं, जोकि उनकी एवं दूसरों की जान को खतरा पैदा कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ विद्युत निगम के अधिकारी इस तरह के मामलों से पूरी तरह जानबूझकर अंजान बने हुए हैं। कम से कम वह विद्युत ट्रांसफार्मरों से उचित दूरी बनाकर इस तरह का कारोबार करने की सलाह एवं कार्रवाई की चेतावनी दे सकते हैं।
लेकिन वह इस तरह के मामलों में कार्रवाई करने की जगह ऐसी जगहों का निरीक्षण आदि करने के बाद भी वहां से आंजन की तरह से निकल जाते हैं। लोगों का कहना है कि विद्युत निगम की इस तरह की लापरवाही से कभी भी बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता के मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन उनके मोबाइल पर संपर्क नहीं हो सका।