फैजाबाद न्यूज़: राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में अब फेको विधि से बिना चीरे के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा सकेगा. इसके लिए करीब 25 लाख की लागत से नेत्र रोग विभाग में फेको मशीन खरीदने की तैयारी चल रही है. जुलाई में मशीन की आपूर्ति होने का दावा किया जा रहा है. यह सुविधा शुरू होने के बाद मेडिकल कॉलेज आधुनिक तकनीक से आंखों का ऑपरेशन करने वाला जिले का पहला केंद्र बनेगा.
राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज से संबद्ध दर्शन नगर अस्पताल के सभी विभागों में मरीजों का अब हुजूम उमड़ने लगा है. सामान्य दिनों में भी सभी विभागों के अलावा नेत्र रोग विभाग की ओपीडी भी प्रतिदिन करीब सौ के पार ही पहुंच रही है. ओपीडी के अलावा गंभीर मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी शुरू हो गया है, लेकिन संसाधनों के अभाव में अभी तक चीरे से ही ऑपरेशन करने की व्यवस्था है.
कम संसाधनों में भी प्रतिवर्ष करीब 250 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन चीरा विधि से हो रहा है. इस विधि से होने वाले ऑपरेशन के बाद मरीजों में संक्रमण की आशंका रहती है. साथ ही मरीज को स्वस्थ होने में करीब डेढ़ माह का समय लगता है. इन समस्याओं से निजात के लिए मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग को भी संसाधनों से लैस करने की तैयारी है. इसके लिए करीब 25 लाख की लागत से आधुनिक तकनीक पर आधारित फेको मशीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है.
मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज बरनवाल ने बताया कि इस मशीन की मदद से बिना चीरे के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो सकेगा. मरीज को बिना बेहोशी दिए भी कम समय में ऑपरेशन किया जा सकेगा. इस विधि से अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के ऑपरेशन में भी सहूलियत मिलेगी. संक्रमण की आशंका घटेगी, मरीज करीब एक माह में ही स्वस्थ हो जाएगा, उसे महज चार घंटे में ही पट्टी रखने से निजात मिलेगी.
फेको विधि से मोतियाबिंद का ऑपरेशन शुरू करने की योजना है. इसके लिए फेको मशीन खरीदी जा रही है. प्रक्रिया चल रही है. जुलाई माह तक सुविधाएं मिलने की उम्मीद है.
डॉ. सत्यजीत वर्मा, प्राचार्य, राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेजं